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भारत को फलस्तीन मुद्दे पर नेतृत्व दिखाने की आवश्यकता: सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने हाल ही में फलस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार की नीति की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मामले में नेतृत्व दिखाने की आवश्यकता है, जो न्याय और मानवाधिकारों की लड़ाई बन चुका है। उनका मानना है कि सरकार की प्रतिक्रिया मानवता और नैतिकता का परित्याग है। गांधी ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका को भी रेखांकित किया, जिसमें दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के मुद्दों पर भारत की सक्रियता शामिल है।
 

फलस्तीन को मान्यता देने में भारत की भूमिका

फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया ने फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है, जो फ़िलिस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 150 से अधिक देशों ने इस मान्यता को स्वीकार किया है। भारत ने इस मामले में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसने फ़िलिस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) को 18 नवंबर, 1988 को औपचारिक रूप से मान्यता दी थी। यह निर्णय भारत के नैतिक मूल्यों के अनुरूप था।


सोनिया गांधी की आलोचना

हाल ही में हुए हमलों के संदर्भ में विपक्ष ने भारत सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी ने फलस्तीन के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख की निंदा करते हुए कहा कि भारत को अब नेतृत्व का परिचय देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्रतिक्रिया और 'गहरी चुप्पी' मानवता और नैतिकता दोनों का परित्याग है।


सोनिया गांधी ने एक लेख में कहा कि सरकार के कदम इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत मित्रता से प्रेरित प्रतीत होते हैं, न कि भारत के संवैधानिक मूल्यों से।


भारत की ऐतिहासिक भूमिका

सोनिया गांधी ने कहा कि व्यक्तिगत कूटनीति की यह शैली कभी भी स्वीकार्य नहीं हो सकती। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे भारत ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के मुद्दे को उठाया और अल्जीरियाई स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्र अल्जीरिया के लिए आवाज उठाई।


उन्होंने यह भी बताया कि 1971 में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे बांग्लादेश का जन्म हुआ। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत को फलस्तीन के मुद्दे पर नेतृत्व दिखाने की आवश्यकता है, जो अब न्याय, पहचान, सम्मान और मानवाधिकारों की लड़ाई बन चुका है।