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भारत के शुभांशु शुक्ला बने 634वें अंतरिक्ष यात्री, ISS में किया प्रवेश

भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की यात्रा कर 634वें अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में प्रवेश किया, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस यात्रा में उनके साथ अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे। जानें इस ऐतिहासिक घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कदम

भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने 28 घंटे की यात्रा के बाद बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में प्रवेश किया। शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जिसमें आईएसएस के चालक दल ने उन्हें गले लगाया और हाथ मिलाया।


ड्रैगन अंतरिक्ष यान की सफल डॉकिंग

शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने धरती से 28 घंटे की यात्रा के बाद आईएसएस में प्रवेश किया। ड्रैगन श्रृंखला के पांचवें अंतरिक्ष यान, जिसे ग्रेस नाम दिया गया है, ने भारतीय समयानुसार अपराह्न 4:01 बजे हार्मनी मॉड्यूल के साथ संचार, विद्युत संपर्क और दबाव स्थिरीकरण स्थापित करने में दो घंटे का समय लिया।


नासा ने एक पोस्ट में बताया कि एक्सिओम 4 के चालक दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, इसरो के शुभांशु शुक्ला, पोलिश इंजीनियर स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की, और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू शामिल हैं। यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर पहुंचा है।


डॉकिंग प्रक्रिया का विवरण

नासा के लाइव प्रसारण में अंतरिक्ष यान को आईएसएस के पास आते हुए दिखाया गया, और डॉकिंग प्रक्रिया भारतीय समयानुसार अपराह्न 4:15 बजे सफलतापूर्वक पूरी हुई। बुधवार को फ्लोरिडा से प्रक्षिप्त होने के बाद, ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने थ्रस्टर को फायर करके धीमी गति से आगे बढ़ना शुरू किया।


अंतरिक्ष यान ने जटिल प्रक्रियाओं के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ते हुए डॉकिंग लगभग 30 मिनट पहले पूरी की। आईएसएस के साथ जुड़ने के लिए, यान ने लेजर आधारित सेंसर और कैमरों का उपयोग किया।


अंतरिक्ष स्टेशन में स्वागत

डॉकिंग के बाद, आईएसएस के चालक दल ने रिसाव जांच और हैच खोलने की प्रक्रियाएं पूरी कीं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ड्रैगन अंतरिक्ष यान का दबाव आईएसएस के समान हो, यह प्रक्रिया आवश्यक थी। भारतीय समयानुसार शाम 5:53 बजे व्हिटसन आईएसएस में पहुंचीं, इसके बाद शुक्ला, स्लावोज और कापू भी पहुंचे।


भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का इतिहास

भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। इससे पहले, राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष में आठ दिन बिताए थे। पोलिश इंजीनियर स्लावोज़ और हंगरी के मिशन विशेषज्ञ कापू भी इस यात्रा का हिस्सा हैं।