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भारत के शीर्ष वकीलों की सूची: कानूनी क्षेत्र के दिग्गज

इस लेख में भारत के शीर्ष वकीलों की सूची प्रस्तुत की गई है, जो न केवल कानूनी क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके हैं, बल्कि उनकी फीस भी आम लोगों के लिए चौंकाने वाली है। हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, पी. चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गजों की कानूनी यात्रा और उनके प्रभावशाली करियर के बारे में जानें। इन वकीलों की फीस इतनी है कि एक सामान्य व्यक्ति का सपना पूरा करने के लिए एक-दो सुनवाई की कमाई काफी है।
 

भारत के सबसे प्रभावशाली वकील


भारत में सर्वश्रेष्ठ और महंगे वकील: वकील न्याय के रक्षक माने जाते हैं, जो सच और कानून के साथ खड़े रहते हैं। वे हर मुद्दे को तर्क के माध्यम से सुलझाते हैं और इंसाफ की उम्मीद जगाते हैं।


इस रिपोर्ट में जानिए कि भारत के वकीलों की शीर्ष सूची में कौन-कौन से नाम शामिल हैं। उनकी फीस इतनी होती है कि एक-दो सुनवाई से एक सामान्य व्यक्ति का घर और गाड़ी का सपना पूरा हो सकता है।


हरीश साल्वे: कानूनी विरासत और करियर

भारत के प्रमुख वकीलों में से एक, हरीश साल्वे, न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कानूनी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 22 जून 1955 को एक मराठी परिवार में हुआ। उनके पिता एन.के.पी. साल्वे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और उनकी मां डॉक्टर थीं। उनके दादा एक प्रसिद्ध आपराधिक वकील रहे हैं।


साल्वे ने अपने करियर की शुरुआत वरिष्ठ वकीलों के साथ की, जिनमें नानी पाल्खीवाला और सोली सोराबजी शामिल हैं। उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जैसे कुलभूषण जाधव केस। उनकी फीस 35 लाख रुपये तक पहुंच जाती है, और उनकी कुल संपत्ति 200 से 250 करोड़ रुपये के बीच है।



मुकुल रोहतगी: कानूनी क्षेत्र में चार दशकों का अनुभव

मुकुल रोहतगी का नाम कानूनी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनका जन्म 1955 में मुंबई में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से की और वकालत की शुरुआत दिल्ली बार काउंसिल से की। उनकी फीस एक से दो करोड़ रुपये है।


रोहतगी ने 1993 में दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। वे 2014 से 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे हैं। उनके द्वारा कई हाई-प्रोफाइल मामलों में प्रतिनिधित्व किया गया है, जैसे 2002 के गुजरात दंगे और शाहरुख़ ख़ान के बेटे का ड्रग्स केस।



पी. चिदंबरम: वकील से गृहमंत्री तक का सफर

पी. चिदंबरम, जो भारत के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में से एक हैं, ने सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्टों में अपनी पहचान बनाई है। उनका राजनीतिक करियर 1984 में शुरू हुआ। उनकी फीस 10-12 लाख रुपये प्रति सुनवाई है।


चिदंबरम ने कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जैसे वित्तमंत्री और गृहमंत्री। वे कानून, प्रशासन और राजनीति के क्षेत्र में अपनी गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं।



अभिषेक मनु सिंघवी: एक प्रभावशाली वकील और सांसद

अभिषेक मनु सिंघवी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, तेलंगाना से राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 1997-98 में भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे। उनकी फीस 6 से 11 लाख रुपये प्रति पेशी है।


सिंघवी ने अपने करियर में कई प्रमुख नेताओं का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें हाल ही में अरविंद केजरीवाल का मामला शामिल है। उनकी नेटवर्थ अरबों रुपये में है।



कपिल सिब्बल: कानून और राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति

कपिल सिब्बल का जन्म 8 अगस्त 1948 को जालंधर में हुआ। उन्होंने 1972 में वकालत की शुरुआत की और 1983 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने। उनकी फीस 10-12 लाख रुपये है।


सिब्बल ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी की है, जैसे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद और 2जी स्पेक्ट्रम। वे आज भी देश के सबसे चर्चित वकीलों में से एक हैं।