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भारत के वाहन उद्योग को वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर लाने की योजना

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि सरकार अगले पांच वर्षों में भारत के वाहन उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र सरकार के लिए सबसे बड़ा जीएसटी राजस्व स्रोत है और रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। गडकरी ने भारतीय वाहन उद्योग के विकास के आंकड़े साझा किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक लक्ष्यों पर भी प्रकाश डाला। इस लेख में जानें कि कैसे भारत अपने वाहन उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने की योजना बना रहा है।
 

भारत के वाहन उद्योग का भविष्य

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को घोषणा की कि सरकार अगले पांच वर्षों में भारत के वाहन उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए प्रयासरत है।


उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय मूल्य शिखर सम्मेलन 2025’ के उद्घाटन के दौरान बताया कि वाहन क्षेत्र सरकार के लिए सबसे बड़ा जीएसटी राजस्व स्रोत है और यह रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करता है।


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि अगले पांच वर्षों में भारत का वाहन उद्योग विश्व में शीर्ष स्थान पर पहुंचे।’’ उन्होंने यह भी बताया कि देश में सभी प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियां मौजूद हैं।


गडकरी ने कहा, ‘‘जब मैंने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला, तब भारतीय वाहन उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है।’’


वर्तमान में, अमेरिकी वाहन उद्योग का आकार 78 लाख करोड़ रुपये है, इसके बाद चीन (47 लाख करोड़ रुपये) और भारत (22 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने।


उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा विकसित करना होगा।’’