भारत के महान हिंदू सम्राट बप्पा रावल: एक अद्वितीय इतिहास
बप्पा रावल का ऐतिहासिक महत्व
भारत का इतिहास विदेशी आक्रमणों और शासकों के कब्जे से भरा हुआ है, जिसमें अधिकांश मुस्लिम शासक शामिल थे। लेकिन इस भूमि पर वीर हिंदू योद्धाओं की कमी नहीं थी, जिन्होंने इन आक्रमणकारियों को कड़ी चुनौती दी।
गहराई से इतिहास की पन्नों में जाने पर, एक प्रमुख हिंदू शासक का नाम सामने आता है - बप्पा रावल। उनका शासन काल 7वीं से 8वीं सदी तक फैला हुआ था और वे मेवाड़ राज्य के गुहिल राजपूत राजवंश के संस्थापक थे। यह ध्यान देने योग्य है कि महाराणा प्रताप भी इसी वंश के थे, जिन्होंने मुगलों के सम्राट अकबर के सामने कभी झुकने का साहस नहीं किया।
बप्पा रावल ने मोहम्मद कासिम को हराकर सिंध पर विजय प्राप्त की। अपने 19 वर्षों के शासन में, वे कभी भी युद्ध में पराजित नहीं हुए। 39 वर्ष की आयु में, उन्होंने सन्यास लेने का निर्णय लिया। उनके नाम से ही दुश्मन कांपते थे। बप्पा रावल की 100 रानियां थीं, जिनमें से 35 मुस्लिम थीं। वे अक्सर मुस्लिम शासकों को हराकर उनकी बेगमों या बेटियों से विवाह कर लेते थे।