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भारत के किसानों और महिला समूहों के समर्थन में मोदी का मजबूत संदेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किसानों, पशुपालकों और महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी प्रतिकूल समझौते को स्वीकार नहीं करेगा, खासकर जब बात अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की हो। इसके साथ ही, मोदी ने महिला समूहों की सफलता की सराहना की और आरएसएस की 100 साल की यात्रा पर गर्व व्यक्त किया। जानें उनके संबोधन की और भी महत्वपूर्ण बातें।
 

किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा का आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वह इन समुदायों की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़े हैं। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका भारत से प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) में कृषि और डेयरी क्षेत्रों में शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। अमेरिका ने भारत पर भारी शुल्क भी लगाया है ताकि दबाव बनाया जा सके।


स्वतंत्रता दिवस पर किसानों के प्रति प्रतिबद्धता

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में, मोदी ने कहा कि वह किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के खिलाफ किसी भी हानिकारक नीति के खिलाफ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी प्रतिकूल समझौते को स्वीकार नहीं करेगा। प्रस्तावित बीटीए में अमेरिका मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथनॉल जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करने की मांग कर रहा है, साथ ही अमेरिकी डेयरी उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, नई दिल्ली ने इन मांगों का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि इससे किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।


महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) अब उद्यमिता और निर्यात की प्रमुख ताकत बन गए हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि इन समूहों के उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहे हैं और वे करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहे हैं। मोदी ने कहा, "किसी ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन पिछले 10 वर्षों में उन्होंने अद्भुत काम किया है।"


आरएसएस की 100 साल की यात्रा पर गर्व

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरे होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है। मोदी ने कहा, "यह दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा।" उन्होंने स्वयंसेवकों के योगदान को सराहा और कहा कि यह 100 साल की सेवा का इतिहास है।