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भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के एयरबेस को गंभीर नुकसान

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस को गंभीर नुकसान पहुँचाया है, जिससे यह एयरबेस अब तक पूरी तरह से कार्यशील नहीं हो पाया है। इस स्थिति ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे की कमजोरी को उजागर किया है। भारत की इस कार्रवाई ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है। जानें इस हमले के पीछे की पूरी कहानी और इसके सामरिक महत्व के बारे में।
 

रहीम यार खान एयरबेस की स्थिति

भारत द्वारा दो महीने पहले किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस को जो नुकसान हुआ, वह इतना गंभीर था कि यह एयरबेस अब तक पूरी तरह से कार्यशील नहीं हो पाया है। यह स्थिति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान के इस सामरिक ठिकाने को कितना बड़ा नुकसान पहुंचा है। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन विभाग ने इस रनवे के लिए 'नोटिस टू एयरमेन' (NOTAM) जारी कर इसकी अस्थायी निष्क्रियता को अब 5 अगस्त तक बढ़ा दिया है।


सामरिक महत्व

रहीम यार खान एयरबेस पाकिस्तान के दक्षिणी हवाई सुरक्षा ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एयरबेस भारत की राजस्थान सीमा से केवल 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह पाकिस्तान वायुसेना के लिए रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है। मई की शुरुआत में भारत द्वारा किए गए सटीक हमले में यह एयरबेस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे 'आईसीयू में पड़ा हुआ' बताया था।


NOTAM और बंदी की अवधि

यह एयरबेस एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के क्षेत्र में स्थित है और 10 मई को पहली बार NOTAM जारी कर इसे 18 मई तक के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। इसके बाद इसे जून और फिर जुलाई तक के लिए बढ़ाया गया। अब ताजा जानकारी के अनुसार, "कार्य प्रगति पर है" के कारण इसे अगस्त तक फिर से बंद रखा गया है।


क्षति का आकलन

इस एयरबेस का उपयोग पाकिस्तान वायुसेना के सेंट्रल कमांड के लिए अग्रिम संचालन ठिकाने के रूप में किया जाता था। मई में एक स्थानीय अधिकारी ने बताया था कि भारतीय मिसाइल हमले से रनवे पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था, लेकिन अब दो महीने बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं हो पाना यह दर्शाता है कि क्षति केवल रनवे तक सीमित नहीं है।


अन्य लक्ष्यों पर हमले

रहीम यार खान के अलावा, भारत ने नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी), रफीक़ी एयरबेस (शोरकोट, पंजाब), मुरिद एयरबेस (चकवाल) और चुनियन एयरबेस (पंजाब) को भी निशाना बनाया था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने नूर खान एयरबेस में ट्रांसपोर्ट विमानों के नुकसान और चुनियन में तकनीकी सुविधाओं के नष्ट होने की पुष्टि की थी।


आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई

इस हमले की श्रृंखला में पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित 'मरकज़ सुब्हान अल्लाह' आतंकी प्रशिक्षण शिविर को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था। यहां जैश-ए-मुहम्मद के शीर्ष नेतृत्व का संचालन होता था। अब यह शिविर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।


सैन्य ढांचे की कमजोरी

रहीम यार खान जैसे एयरबेस को दो महीने से अधिक समय तक बंद रखना पाकिस्तान के सैन्य ढांचे की गंभीर कमजोरी को उजागर करता है। यह भारत के लिए एक स्पष्ट सामरिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, आतंकवाद के ढांचे पर सीधे वार कर भारत ने वैश्विक समुदाय को यह संदेश दिया है कि वह केवल अपने रक्षा हितों तक सीमित नहीं है, बल्कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है।


भारत की नई सैन्य रणनीति

इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भारत की सैन्य रणनीति केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि आक्रामक और निर्णायक मोर्चे पर उतर चुकी है। रहीम यार खान जैसे एयरबेस का महीनों तक बंद रहना पाकिस्तान के लिए केवल सैन्य नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक झटका भी है।