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भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवारों की चर्चा तेज

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, राजनीतिक हलकों में नए नामों की चर्चा तेज हो गई है। राजनाथ सिंह और नीतीश कुमार जैसे प्रमुख नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। राजनाथ सिंह की राजनीतिक छवि और नीतीश कुमार की एनडीए में भूमिका पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा, मुख्तार अब्बास नकवी और हरदीप सिंह पुरी जैसे अन्य संभावित उम्मीदवारों के नाम भी चर्चा में हैं। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या हो सकता है भविष्य में।
 

राजनीतिक गलियारों में हलचल

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में नए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। उपराष्ट्रपति का पद न केवल संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्यसभा के सभापति के रूप में सरकार की रणनीति और स्थिरता से भी जुड़ा होता है। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन इस पद पर किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहेगा जो अनुभवी और संतुलित हो। इस संदर्भ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।


राजनाथ सिंह की राजनीतिक छवि

राजनाथ सिंह भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में से हैं, जिनकी छवि साफ-सुथरी और राजनीतिक रूप से परिपक्व मानी जाती है। वे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं, और 2019 से देश के रक्षा मंत्री हैं। यदि भाजपा उन्हें उपराष्ट्रपति पद पर भेजती है, तो यह संकेत होगा कि मोदी सरकार भविष्य के लिए नेतृत्व में बदलाव की तैयारी कर रही है। हालांकि, राजनाथ सिंह की स्थिति 'सरकार के भीतर सरकार' जैसी है, जिससे पार्टी के लिए उन्हें दिल्ली की राजनीति में बनाए रखना अधिक फायदेमंद हो सकता है।


नीतीश कुमार की संभावनाएं

नीतीश कुमार का नाम इसलिए चर्चा में है क्योंकि वे एनडीए के महत्वपूर्ण साझेदार हैं। जदयू प्रमुख के रूप में वे भाजपा के लिए बिहार में राजनीतिक संतुलन बनाए रखते हैं। यदि उन्हें उपराष्ट्रपति पद दिया जाता है, तो यह भाजपा के लिए बिहार में पूर्ण प्रभुत्व की दिशा में एक कदम होगा। हालांकि, नीतीश की छवि अवसरवादी नेता की बन चुकी है, जिससे भाजपा उन पर बड़ा दांव लगाने से हिचक सकती है।


अन्य संभावित चेहरे

अन्य संभावित उम्मीदवारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी शामिल है, जो भाजपा का मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का नाम भी चर्चा में है, जो सिख समुदाय को साधने के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।


भाजपा ने हाल के वर्षों में वरिष्ठ नौकरशाहों को संवैधानिक पदों पर तवज्जो दी है, इसलिए उपराष्ट्रपति पद के लिए भी ऐसा विकल्प अपनाया जा सकता है।


विपक्ष की स्थिति

यह माना जा रहा है कि यदि सत्तापक्ष मजबूत उम्मीदवार लाता है, तो विपक्ष सांकेतिक उम्मीदवार ही खड़ा करेगा। हालांकि, विपक्ष की मौजूदा स्थिति बिखरी हुई है, जिससे उनकी भूमिका सीमित दिख रही है।


भविष्य की संभावनाएं

राजनाथ सिंह और नीतीश कुमार के नाम चर्चा में हैं, लेकिन भाजपा की रणनीति के अनुसार, संभावना अधिक है कि कोई कम विवादित और संगठन से जुड़ा चेहरा उपराष्ट्रपति बने। इसमें मुख्तार अब्बास नकवी या हरदीप पुरी का नाम अधिक व्यवहारिक दिखता है।