भारत के अनोखे मंदिर जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है
विशेष मंदिरों में पुरुषों की एंट्री पर रोक
भक्त जब भी भगवान का स्मरण करना चाहते हैं, तो वे मंदिरों का रुख करते हैं। मंदिर एक ऐसी पवित्र जगह है जो सभी के लिए खुली होती है। यह माना जाता है कि भगवान के सामने सभी समान हैं, इसलिए यहां किसी भी प्रकार की रोक-टोक नहीं होती। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां विशेष अवसरों पर पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से निषिद्ध है।
संतोषी माता का मंदिर (राजस्थान)
संतोषी माता के उपवास में कुंवारी लड़कियां और विवाहित महिलाएं शामिल होती हैं। हालांकि, पुरुष भी संतोषी माता की पूजा करते हैं, लेकिन अधिकांश मंदिरों में शुक्रवार को पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है, जिसमें राजस्थान का संतोषी माता का मंदिर भी शामिल है।
माता मंदिर (बिहार)
बिहार के मुज्जफरपुर में स्थित माता के मंदिर में, माँ के मासिक धर्म के दौरान पुरुषों का प्रवेश निषिद्ध होता है। इस दौरान मंदिर के पुजारी भी अंदर नहीं जाते।
सकलडीहा मंदिर (वाराणसी)
वाराणसी के सकलडीहा मंदिर में पुरुषों का प्रवेश सख्ती से मना है। मान्यता है कि यदि कोई पुरुष यहां प्रवेश करता है, तो उसे माता रानी का शाप मिलता है, जिससे उसका भाग्य बदल जाता है। इसलिए पुरुष इस मंदिर में जाने से डरते हैं।
सावित्री मंदिर (राजस्थान)
राजस्थान के पुष्कर में स्थित सावित्री देवी का मंदिर केवल महिलाओं के लिए खुला है। यहां महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं।
चक्कूलाथूकावु मंदिर (केरल)
केरल के चक्कूलाथूकावु मंदिर में हर साल सितंबर के पहले शुक्रवार को विशेष अनुष्ठान होता है, जिसमें महिलाओं की पूजा की जाती है। इस दिन पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है।
अट्टूकाल देवी मंदिर (केरल)
इस मंदिर में हर साल भव्य पोंगल का आयोजन होता है, जिसमें लाखों महिलाएं भाग लेती हैं। पुरुषों को यहां आने की अनुमति नहीं होती।
ये थे कुछ मंदिर जहां पुरुषों का जाना सख्त मना है। यदि आप इन मंदिरों में विशेष समय पर जाएं, तो सावधान रहें। अन्य लोगों के साथ इस जानकारी को साझा करें ताकि वे भी जागरूक हो सकें।