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भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वाराणसी में शास्त्र संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत विकास और सांस्कृतिक विरासत के बीच संतुलन बनाए रख रहा है। उन्होंने शास्त्र और शस्त्र की एकजुटता पर जोर दिया, जिससे भारत को फिर से विश्व गुरु बनाया जा सके। इस संग्रहालय की स्थापना युवाओं को शास्त्रों के प्रति आकर्षित करने में मदद करेगी और यह काशी की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का प्रतीक है।
 

भारत की सांस्कृतिक आत्मा को जाग्रत करने की पहल

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास और सांस्कृतिक विरासत के बीच संतुलन बनाए रख रहा है।


शिंदे ने यह भी बताया कि शास्त्र और शस्त्र की एकजुटता से भारत को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित किया जा सकता है। वाराणसी के दुर्गाकुंड में श्री कृपात्री जी महाराज के आश्रम धर्मसंघ मठ में शास्त्र संग्रहालय एवं शोध केंद्र के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल काशी की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने में सहायक होगी। यह संस्थान केवल एक संग्रहालय नहीं है, बल्कि यह सनातन जीवन दृष्टि का प्रतीक है।


शिंदे ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास और विरासत के बीच संतुलन बनाए रख रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि 'शास्त्र और शस्त्र की संयुक्त शक्ति से ही भारत को फिर से विश्व गुरु बनाया जा सकता है।' ग्रंथों का डिजिटलीकरण और संरक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि यह संग्रहालय आम जनता, विशेषकर युवाओं को शास्त्रों के प्रति आकर्षित करने में मदद करेगा। शास्त्र संग्रहालय एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष भुजंग बोबड़े ने बताया कि काशी सदियों से ज्ञान, ध्यान और दर्शन का केंद्र रही है। इस संग्रहालय की स्थापना शोधकर्ताओं और संस्कृत विद्वानों के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगी।