भारत की विदेश नीति: आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी का संतुलन
भारत की विदेश नीति का नया दृष्टिकोण
हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है, साथ ही अपने पुराने मित्रों और सहयोगियों के साथ संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। यह दृष्टिकोण भारत की व्यावहारिक सोच को दर्शाता है और यह बताता है कि वह वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में उभर रहा है।
अमेरिका के साथ संतुलित संबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था पर की गई आलोचनाओं और व्यापारिक टैरिफ के बावजूद, भारत ने संयम बनाए रखा है। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। यह एक परिपक्व कूटनीति का संकेत है। भारत ने अमेरिका के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है, क्योंकि अमेरिका व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने कहा है कि व्यापार वार्ता के दौरान ऐसी टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।
रूस के साथ मजबूत संबंध
रूस भारत का एक पुराना और विश्वसनीय मित्र है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद, भारत ने रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखा है। तेल आयात और रक्षा उपकरणों की खरीद जारी रखना इस बात का संकेत है कि भारत अपने दीर्घकालिक हितों को प्राथमिकता देता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत अपनी रक्षा आवश्यकताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर तय करता है।
कनाडा के साथ संबंध सुधार की दिशा में कदम
हाल के वर्षों में भारत और कनाडा के बीच तनाव रहा है, लेकिन अब दोनों देश संबंधों को सुधारने के लिए सकारात्मक कदम उठा रहे हैं। उच्चायुक्तों की नियुक्ति की तैयारी इस बात का प्रमाण है कि भारत विवादों के बजाय संवाद पर जोर दे रहा है। कनाडाई विदेश मंत्री ने नई कूटनीतिक नियुक्ति की घोषणा की है, जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की विदेश नीति का संतुलित दृष्टिकोण
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह वैश्विक साझेदारियों से दूर हो रहा है। इसके विपरीत, भारत अपने सहयोगियों के साथ मजबूत आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध बनाए रखना चाहता है। भारत की विदेश नीति इस सिद्धांत पर आधारित है कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं, लेकिन रिश्तों को बिगाड़े बिना उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाए।