भारत की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए AK-630 तोपों की खरीद
भारत ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को उन्नत करने के लिए AK-630 30mm तोपों की खरीद के लिए निविदा जारी की है। यह कदम पाकिस्तान सीमा के निकट नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। मिशन सुदर्शन चक्र के तहत, यह अधिग्रहण भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि के खिलाफ कड़ा जवाब देगा। जानें इस योजना और तोपों की विशेषताओं के बारे में अधिक जानकारी।
Oct 4, 2025, 18:30 IST
भारत की वायु रक्षा प्रणाली में नया कदम
भारत की वायु रक्षा प्रणाली को उन्नत करने के लिए मिशन सुदर्शन चक्र के तहत, सेना ने एक सरकारी कंपनी से छह AK-630 30mm वायु रक्षा तोपों की खरीद के लिए निविदा जारी की है। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की सीमा के निकट नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को मजबूत करना है। यह अधिग्रहण भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो बहुस्तरीय सुरक्षा कवच बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह निविदा ऑपरेशन सिंदूर से प्राप्त अनुभवों पर आधारित है, जब पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में नागरिकों और धार्मिक स्थलों पर हमले किए थे।
मिशन सुदर्शन चक्र का उद्देश्य
मिशन सुदर्शन चक्र
मिशन सुदर्शन चक्र, भारत की 2035 तक एक व्यापक, स्वदेशी सुरक्षा कवच बनाने की योजना है। इसमें निगरानी, साइबर सुरक्षा और वायु रक्षा प्रणालियों का एकीकरण किया जाएगा, जिससे प्रमुख प्रतिष्ठानों को विभिन्न शत्रु हमलों से सुरक्षित रखा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 पर इस मिशन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
सेना प्रमुख की चेतावनी
सेना प्रमुख की पाकिस्तान को चेतावनी
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारत ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में संयम नहीं दिखाएगा, और यह सैन्य कार्रवाई पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि क्या वह इतिहास और भूगोल में अपनी जगह चाहता है।
AK-630 तोप की विशेषताएँ
AK-630 वायु रक्षा तोप
जनरल द्विवेदी ने बताया कि AK-630 का उपयोग URAM (मानवरहित हवाई वाहन, रॉकेट, तोपखाने और मोर्टार) से उत्पन्न खतरों को नाकाम करने के लिए किया जाएगा। इन तोपों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के निकट स्थित प्रमुख आबादी वाले केंद्रों और आस्था स्थलों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा। इनकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर तक है और ये प्रति मिनट 3,000 राउंड फायर कर सकती हैं। इनका पता लगाने का कार्य सभी मौसमों में काम करने वाले इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम द्वारा किया जाता है।