भारत की रिलायंस को रूस से तेल सप्लाई में मिली छूट
रूस से तेल की निरंतर आपूर्ति
अमेरिका द्वारा रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को रूसी तेल की निरंतर आपूर्ति मिलती रही है। वॉशिंगटन से मिली एक महीने की विशेष छूट के कारण, रिलायंस को रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट से कच्चे तेल की खेपें प्राप्त होती रहीं। इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह छूट पहले से सार्वजनिक नहीं की गई थी।
अक्टूबर में अमेरिकी प्रतिबंधों की शुरुआत
अक्टूबर में अमेरिका ने रोसनेफ्ट और लुकोइल जैसी रूसी ऊर्जा कंपनियों पर प्रतिबंध लागू किए थे। इसके तहत वैश्विक कंपनियों को 21 नवंबर तक इन कंपनियों के साथ अपने लेनदेन को धीरे-धीरे समाप्त करने का समय दिया गया था। हालांकि, रिलायंस को अस्थायी राहत मिली, जिससे वह पहले से तय सौदों को पूरा कर सकी।
रोसनेफ्ट के साथ दीर्घकालिक समझौता
रिलायंस का रोसनेफ्ट के साथ एक दीर्घकालिक करार है, जिसके तहत कंपनी प्रतिदिन लगभग 5 लाख बैरल रूसी कच्चा तेल खरीदती है। यह तेल गुजरात में स्थित 14 लाख बैरल प्रति दिन क्षमता वाले रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स में प्रोसेस किया जाता है, जो विश्व का सबसे बड़ा रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स माना जाता है।
EU के नए नियमों से बढ़ी चुनौतियाँ
इस बीच, यूरोपीय संघ (EU) ने घोषणा की है कि 21 जनवरी के बाद वह उस ईंधन का आयात नहीं करेगा, जो ऐसे रिफाइनरियों में तैयार हुआ हो, जहां बिल ऑफ लोडिंग की तारीख से 60 दिन पहले रूसी तेल प्रोसेस किया गया हो। इससे भारतीय रिफाइनरियों के लिए यूरोप को ईंधन निर्यात करना और भी जटिल हो सकता है।
रिलायंस का स्पष्टीकरण
ट्रेड डेटा एजेंसी क्लर (Kpler) के अनुसार, 22 नवंबर के बाद से रिलायंस को रोसनेफ्ट से लगभग 15 खेपें प्राप्त हुई हैं। कंपनी ने कहा है कि ये सभी पहले से हुए सौदों के तहत हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के नियमों के अनुसार पूरा किया जा रहा है। रिलायंस ने यह भी स्पष्ट किया कि रोसनेफ्ट के साथ आखिरी कार्गो 12 नवंबर को लोड किया गया था।
भारत पर अमेरिकी दबाव
यूक्रेन युद्ध के बाद, भारत समुद्री मार्ग से आने वाले रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। हालांकि, अमेरिका लगातार भारत पर इन आयातों को कम करने का दबाव बना रहा है। दिसंबर में भारत का रूसी तेल आयात घटकर 12 से 15 लाख बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान है, जो नवंबर के मुकाबले कम है।