भारत की पहली कमर्शियल मल्टी-चिप मॉड्यूल अमेरिका के लिए रवाना
भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति की शुरुआत
Kaynes सेमीकॉन ने गुजरात के साणंद स्थित अपने OSAT फैसिलिटी से भारत का पहला कमर्शियल मल्टी-चिप मॉड्यूल भेजा है. (प्रतीकात्मक फोटो)Image Credit source: X
भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति: भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया है। गुजरात के साणंद में Kaynes सेमीकॉन के आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) प्लांट से अमेरिका के लिए पहली कमर्शियल मल्टी-चिप मॉड्यूल (MCM) भेजी गई है। लगभग 900 इंटेलिजेंट पावर मॉड्यूल कैलिफोर्निया स्थित अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर (एओएस) को भेजे गए हैं। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह पहली बार है जब देश में कमर्शियल रूप से मल्टी-चिप मॉड्यूल का निर्माण किया गया है।
Kaynes Semicon की उपलब्धि
Kaynes Semicon ने अपने OSAT प्लांट से पहली बार 17 डाइज (IGBTs, कंट्रोलर ICs, FRDs और डायोड्स) को मिलाकर एक उच्च प्रदर्शन IPM5 मॉड्यूल तैयार किया है। यह मॉड्यूल पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा। यह भारत की घरेलू क्षमता को दर्शाता है, जो अब जटिल पावर मॉड्यूल्स की असेंबली और टेस्टिंग कर सकता है।
मल्टी-चिप मॉड्यूल (MCM) की विशेषताएँ
MCM, यानी मल्टी-चिप मॉड्यूल, कई चिप्स को एक साथ जोड़कर एक कॉम्पैक्ट यूनिट बनाता है। यह आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए आवश्यक है। इसे एक ऐसे घर के रूप में समझा जा सकता है, जिसमें विभिन्न कमरे होते हैं, और हर कमरे का अपना कार्य होता है। इसी तरह, MCM में अलग-अलग चिप्स होती हैं, जो एक ही 'घर' में रहती हैं। इसका उपयोग पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है।
अमेरिका को भेजी गई पहली खेप
900 IPM5 मॉड्यूल अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर, USA को भेजे गए हैं, जो भारत के सेमीकंडक्टर मिशन 1.0 के तहत संभव हुआ। यह कदम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करेगा। Kaynes के CEO रघु पनिकर ने इस सफलता को टीम की मेहनत और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।
ग्लोबल सहयोग से मिली सफलता
यह उपलब्धि अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर और मित्सुई एंड कंपनी लिमिटेड के साथ सहयोग के कारण संभव हुई है। इस साझेदारी ने वैश्विक विशेषज्ञता, सप्लाई चेन समर्थन और बेहतरीन निर्माण प्रथाओं को भारत लाने में मदद की। साणंद फैक्ट्री में 6.3 मिलियन चिप्स प्रति दिन की उत्पादन क्षमता है, जिसे जनवरी 2026 तक 1.5 मिलियन प्रति दिन तक बढ़ाने की योजना है।
भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की प्रगति
यह उत्पादन मील का पत्थर भारत की OSAT और एडवांस्ड पैकेजिंग इंडस्ट्री में बढ़ती दक्षता को दर्शाता है। सरकारी नीतियों, निजी क्षेत्र की मेहनत और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के कारण भारत अब अपनी सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक मजबूत भूमिका निभाने लगा है। यह सफलता भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन
भारत में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) फैसिलिटी इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) 1.0 के तहत स्थापित की गई थी। Kaynes Semicon ने इस प्रोजेक्ट के लिए अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर और मित्सुई के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इस परियोजना में केंद्र सरकार (₹1,653.5 करोड़), गुजरात सरकार (₹661.4 करोड़), और Kaynes (₹992.1 करोड़) का निवेश शामिल है।