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भारत की नई वैश्विक भूमिका पर राम माधव का दृष्टिकोण

राम माधव ने अपनी नई पुस्तक के विमोचन के अवसर पर भारत की नई वैश्विक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पश्चिमी देशों की कमजोर होती उदारवादी व्यवस्था और भारत की बढ़ती भूमिका के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों पर भी चर्चा की। यह लेख उन विचारों को विस्तार से प्रस्तुत करता है, जो भारत को वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में संकेत करते हैं।
 

भारत की नई वैश्विक भूमिका

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता राम माधव ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक नई वैश्विक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह बयान उन्होंने अपनी नई पुस्तक 'द न्यू वर्ड-21 सेंचुरी ग्लोबल आर्डर एंड इंडिया' के विमोचन के दौरान दिया।


भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव माधव ने बताया कि पश्चिमी देशों द्वारा स्थापित उदारवादी विश्व व्यवस्था अब कमजोर हो रही है, और इस संदर्भ में भारत की भूमिका वैश्विक मामलों में बढ़ती जा रही है।


उन्होंने नई वैश्विक व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की। माधव ने 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जलवायु परिवर्तन' से उत्पन्न वैश्विक समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया।