भारत की नई पिनाका मिसाइल: दुश्मनों के लिए खतरा
पिनाका मिसाइल प्रणाली
पिनाका मिसाइल सिस्टम
भारत की रक्षा क्षमताएं तेजी से विकसित हो रही हैं। चाहे दुश्मन किसी भी मोर्चे पर हों, वे भारत की शक्तिशाली रॉकेट प्रणाली के सामने असहाय होंगे। पिनाका की लॉन्ग रेंज क्षमताएं अब और भी प्रभावशाली हो गई हैं। विश्व भर में पिनाका की पहचान है, और इसे समय-समय पर उन्नत किया गया है। अब यह और भी घातक बन चुका है।
इसका नया संस्करण LRGR-120, यानी लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट, DRDO द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। यह नया पिनाका संस्करण 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुश्मनों को भी सटीकता से निशाना बना सकता है।
पिनाका की विशेषताएँ
- पिनाका एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली है।
- इसका नया वर्जन MK-3 120 किलोमीटर की रेंज में कार्य करता है।
- पुराने वेरिएंट की रेंज 90 किलोमीटर थी।
- यह प्रणाली 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता रखती है।
- रॉकेट की गति 5700 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है।
- यह एक सेकंड में डेढ़ किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकता है।
आधुनिक GPS और नेविगेशन तकनीक के कारण, पिनाका का यह नया संस्करण अपने लक्ष्य को सटीकता से हिट करता है। परीक्षण के दौरान, इसने अपने लक्ष्य को सही तरीके से निशाना बनाया। यह महत्वपूर्ण है कि इस लॉन्ग रेंज रॉकेट का परीक्षण उसी दिन हुआ जब इसे सेना में शामिल करने की स्वीकृति मिली। अब दुश्मनों में पिनाका का खौफ बढ़ने वाला है।
पहले वर्जन की मारक क्षमता
पिनाका के पहले वर्जन MI-1 की मारक क्षमता केवल 60 किलोमीटर थी। DRDO ने इसे उन्नत किया और MK-2 की रेंज 90 किलोमीटर तक बढ़ाई। अब, इस गाइडेड रॉकेट प्रणाली की रेंज 120 किलोमीटर तक हो गई है। इसके अलावा, 300 किलोमीटर रेंज वाला एक नया संस्करण भी विकसित किया जा रहा है।
पिनाका रॉकेट प्रणाली एक शक्तिशाली हथियार है जो एक आदेश पर दुश्मनों पर हमला कर सकता है। यह क्लस्टर बमों से भी हमला कर सकता है और एंटी-टैंक हथियारों में माहिर है।
बारूदी सुरंग उड़ाने की क्षमता
पिनाका रॉकेट प्रणाली से बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार भी दागे जा सकते हैं। इसकी मांग विश्वभर में है, और कई देशों ने इसे भारत से खरीदा है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है और इसका नाम भगवान शिव के धनुष पर रखा गया है।
पिनाका के नए संस्करण की चर्चा हो रही है, लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि कारगिल युद्ध के दौरान पिनाका ने दुश्मनों के कैंप में खलबली मचा दी थी।
2000 में पिनाका की पहली रेजिमेंट
पिनाका के रॉकेट को ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भेजा गया था, जहां इसने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया। तब पिनाका के मार्क-1 वर्जन का उपयोग किया गया था, जिसकी रेंज इस नए वर्जन से आधी थी। भारतीय सेना ने पिनाका के प्रदर्शन से प्रभावित होकर फरवरी 2000 में इसकी पहली रेजिमेंट बनाई।