भारत की तीसरे टेस्ट में हार के तीन प्रमुख कारण
भारत की हार का विश्लेषण
भारत ने प्रतिष्ठित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे टेस्ट में 22 रनों से हार का सामना किया, जबकि इंग्लैंड ने इस मैच को हार के मुहाने से जीत लिया। अब इंग्लैंड के पास श्रृंखला में 2-1 की बढ़त है और वे चौथे टेस्ट में जीत के साथ श्रृंखला को सील करने की कोशिश करेंगे। भारत के लिए रविंद्र जडेजा एकमात्र योद्धा रहे, जिन्होंने 61 रन बनाए और अंत तक नाबाद रहे।
दूसरी पारी में बल्लेबाजी का पतन
भारत की हार का एक मुख्य कारण दूसरी पारी में बल्लेबाजी का पूर्ण पतन था। जडेजा के आने से पहले भारत का स्कोर 112/8 था, जिसमें शीर्ष और मध्य क्रम के बल्लेबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। जडेजा ने 61 नाबाद रन बनाकर छोटे साझेदारियों का निर्माण किया, जिसमें नितीश कुमार रेड्डी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज शामिल थे।
शीर्ष क्रम में साझेदारियों की कमी
भारत को शीर्ष क्रम में मजबूत साझेदारियों की आवश्यकता थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बल्लेबाजों ने दबाव में लापरवाह शॉट खेले और निचले क्रम पर बहुत अधिक जिम्मेदारी आ गई। दूसरी पारी में कोई भी शीर्ष या मध्य क्रम की साझेदारी नहीं बनी, जिससे बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई। केवल केएल राहुल (39) और रविंद्र जडेजा (61) ने 30+ रन बनाए, और 193 रनों का लक्ष्य हासिल करना असंभव हो गया।
अधिकतर अतिरिक्त रन: एक महंगा चूक
भारत की हार में एक और महत्वपूर्ण कारक था गेंदबाजों द्वारा दिए गए अतिरिक्त रन। भारत ने इंग्लैंड की पहली पारी में 31 और दूसरी पारी में 32 अतिरिक्त रन दिए, जिससे कुल 63 रन इंग्लैंड को उपहार में मिले। यह ध्यान देने योग्य है कि भारत केवल 22 रनों से हारा, और हर रन महत्वपूर्ण था। दिए गए अतिरिक्त रन भी इंग्लैंड के खिलाफ उनकी हार में एक कारक रहे।