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भारत की डिजिटल क्रांति: सैटकॉम समिट में ज्योतिरादित्य सिंधिया का संबोधन

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई दिल्ली में आयोजित सैटकॉम समिट में भारत की डिजिटल क्रांति पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे सैटकॉम तकनीक न केवल विकास का माध्यम है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों के लिए न्याय का प्रतीक है। सिंधिया ने भारत के वैश्विक नेतृत्व की दिशा में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया, जिसमें 5G कनेक्टिविटी और डिजिटल भारत निधि के माध्यम से दुर्गम गाँवों को जोड़ने के प्रयास शामिल हैं।
 

नई दिल्ली में सैटकॉम समिट का आयोजन

नई दिल्ली। केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यशोभूमि, नई दिल्ली में इंडियन मोबाइल कांग्रेस-2025 के पहले दिन सैटकॉम समिट में भाग लिया। इस समिट में उन्होंने "स्पेस नेटवर्क्स फॉर यूनिवर्सल कनेक्टिविटी" विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम का आयोजन संचार मंत्रालय द्वारा किया गया था, जिसमें विश्वभर के विशेषज्ञ शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आज वैश्विक गति को निर्धारित कर रहा है।


आकाश से आरंभ, धरती पर परिवर्तन

सिंधिया ने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक तकनीकी समिट नहीं है, बल्कि यह एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह क्रांति आकाश में जन्म लेती है, सैटेलाइट्स द्वारा संचालित होती है और धरती पर मानव जीवन में बदलाव लाती है।


सैटकॉम: तकनीक से अधिक

उन्होंने कहा कि सैटकॉम केवल तकनीक नहीं है, बल्कि यह डिजिटल युग का न्याय है। यह उस किसान के लिए न्याय है जो लद्दाख में वास्तविक समय के मौसम अपडेट चाहता है, उस मछुआरे के लिए जो लक्षद्वीप में तूफान की चेतावनी सुनना चाहता है, उस बच्चे के लिए जो छत्तीसगढ़ के जनजातीय गाँव में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से सीखना चाहता है, और उस डॉक्टर के लिए जो बाढ़ग्रस्त असम में मरीजों तक पहुँचना चाहता है।


भारत का नेतृत्वकर्ता बनना

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल वैश्विक गति को पकड़ा है, बल्कि अब यह विश्व को दिशा देने वाला देश बन गया है।


डिजिटल भारत निधि का महत्व

सिंधिया ने बताया कि डिजिटल भारत निधि के माध्यम से भारत सरकार ने 38,000 से अधिक दुर्गम गाँवों को कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अब तक 29,000 गाँवों (लगभग 75%) को जोड़ा जा चुका है, जिसमें ₹40,000 करोड़ का निवेश किया गया है। उन्होंने कहा कि जहाँ सड़कें नहीं पहुँचतीं, वहाँ सैटकॉम पहुँचेगा और यही सच्चे समावेशन की कहानी होगी।


भारत का अंतरिक्ष आरोहण

सिंधिया ने कहा कि भारत ने आर्यभट्ट से लेकर चंद्रयान-3 तक की यात्रा में यह सिद्ध किया है कि अब हमारे सपने दूसरों की कक्षाओं में नहीं, बल्कि अपनी स्वयं की कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं।


वैश्विक नवाचार का संचालक

सिंधिया ने अदित्य-L1, Gaganyaan, और NAVIC जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब "केवल भागीदार नहीं, बल्कि नवाचार का अगुआ" बन चुका है।


भारत की भूमिका

सिंधिया ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत केवल इस वैश्विक प्रगति का दर्शक न रहे, बल्कि इस सिम्फनी का संचालक बने। सरकार, उद्योग, स्टार्टअप, अकादमिक संस्थान और अंतरराष्ट्रीय साझेदार सभी को मिलकर इस साझा मिशन को आगे बढ़ाना होगा।


उन्होंने कहा आकाश से हमें भविष्य पुकार रहा है, आइए, इसे साहस, निष्ठा और सहयोग से उत्तर दें।