भारत की टेस्ट टीम में कोचिंग बदलाव की चर्चा, वीवीएस लक्ष्मण की रुचि नहीं
भारत की टेस्ट टीम की हालिया हार
हाल ही में, भारत की टेस्ट टीम को अपने घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के भीतर टेस्ट टीम की कोचिंग के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से अनौपचारिक रूप से संपर्क किया है, यह जानने के लिए कि क्या वह टेस्ट टीम के कोच बनने में रुचि रखते हैं।
गौतम गंभीर का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन
गौतम गंभीर का सफेद गेंद के क्रिकेट में कोच के रूप में रिकॉर्ड काफी प्रभावशाली रहा है, जिसमें भारत ने एक ICC और एक ACC ट्रॉफी जीती है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ 10 टेस्ट मैचों में हार के साथ चिंताजनक रहा है, जिससे BCCI की चिंता बढ़ गई है।
लक्ष्मण की कोचिंग में रुचि नहीं
सूत्रों के अनुसार, वीवीएस लक्ष्मण वर्तमान में बेंगलुरु में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 'हेड ऑफ क्रिकेट' की भूमिका में संतुष्ट हैं और वह सीनियर टेस्ट टीम की कोचिंग लेने में रुचि नहीं रखते। इस कारण से, BCCI के पास गंभीर के लिए कोई मजबूत विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है।
गंभीर का कॉन्ट्रैक्ट और भविष्य
गौतम गंभीर का BCCI के साथ करार 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक है, लेकिन यह पूरी तरह से भारत के आगामी T20 वर्ल्ड कप प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। यदि भारत खिताब बरकरार रखता है या फाइनल में पहुंचता है, तो गंभीर की स्थिति मजबूत हो सकती है। इसके विपरीत, खराब प्रदर्शन की स्थिति में उनके कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
ड्रेसिंग रूम का माहौल
रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा भारतीय ड्रेसिंग रूम में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई खिलाड़ी गंभीर के कार्यकाल में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि राहुल द्रविड़ के समय में खिलाड़ियों की भूमिकाएं स्पष्ट थीं और उन्हें लंबे समय तक खेलने का मौका मिलता था। शुभमन गिल का T20 वर्ल्ड कप टीम से बाहर होना भी इसी नीति का उदाहरण माना जा रहा है।
आगे का निर्णय IPL के बाद
T20 वर्ल्ड कप के बाद, IPL का दो महीने का सीजन होगा, जिसके दौरान BCCI के शीर्ष अधिकारी भारत के प्रदर्शन का गहन विश्लेषण करेंगे। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कोच होंगे या सभी फॉर्मेट के लिए एक ही कोच रखा जाएगा। आने वाले दो महीने 'गुरु गंभीर' के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, भले ही उन्हें अभी भी BCCI के कुछ प्रभावशाली वर्गों का समर्थन प्राप्त है।