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भारत की जीडीपी में 7.5% की वृद्धि का अनुमान, SBI रिपोर्ट में खुलासा

भारतीय स्टेट बैंक की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जीडीपी में 7.5% की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि त्योहारी सीजन में खरीदारी और GST में कटौती के कारण हो रही है। रिपोर्ट में छोटे शहरों में बढ़ती मांग और महंगी खरीदारी में तेजी का भी उल्लेख किया गया है। जानें इस रिपोर्ट के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी


भारत की जीडीपी में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई गई है।


हाल ही में, देश की अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में अप्रत्याशित गति पकड़ी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च टीम ने 18 नवंबर 2025 को बताया कि इस तिमाही में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 7.5% या उससे अधिक हो सकती है। यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 7% के अनुमान से भी अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि GST दरों में कटौती के बाद आई त्योहारी खरीदारी के कारण हुई है, जिसने बाजार में खरीदारी का माहौल तैयार किया।


खरीदारी का प्रभाव

SBI रिसर्च के अनुसार, इस वृद्धि को कई कारकों ने समर्थन दिया है, जैसे निवेश गतिविधियों में तेजी, ग्रामीण खपत में सुधार, और सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्रों में उछाल। रिपोर्ट में कहा गया है कि GST का तर्कसंगत होना एक महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार था, जिसने उत्सव की भावना को बढ़ावा दिया। सीधे शब्दों में कहें तो, GST में कमी से उपभोक्ताओं की जेब में जो बचत हुई, उसे त्योहारी सीज़न में खर्च किया गया। इस त्योहारी बिक्री का प्रभाव इतना गहरा था कि खपत और मांग के प्रमुख संकेतकों में वृद्धि का प्रतिशत पहली तिमाही के 70% से बढ़कर दूसरी तिमाही में 83% हो गया।


छोटे शहरों में बढ़ती मांग

यह वृद्धि केवल महानगरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मध्य-स्तरीय शहरों में भी मांग तेजी से बढ़ी है। SBI रिसर्च ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड के खर्च के पैटर्न का विश्लेषण किया है, जिसमें ऑटो, किराना स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर और यात्रा जैसी श्रेणियों में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।


सबसे दिलचस्प बात यह है कि ई-कॉमर्स की बिक्री सभी शहरों में सकारात्मक रही है। इसका मतलब है कि GST की कटौती का लाभ और ऑनलाइन खरीदारी का चलन अब छोटे शहरों तक भी पहुंच गया है। उपभोक्ताओं को GST की कटौती से 7% तक की मासिक बचत होने की उम्मीद है, जिससे खपत में वृद्धि होगी।


GST संग्रह में वृद्धि

महंगी खरीदारी में भी तेजी देखने को मिली है। कारों की बिक्री में सभी क्षेत्रों में 19% की वृद्धि हुई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। बिक्री हुई कारों में से 39% कारें ₹10 लाख से अधिक कीमत वाली थीं, जो दर्शाता है कि लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अब बड़े और महंगे सामान खरीदने में संकोच नहीं कर रहे हैं।


इस बढ़ी हुई खरीदारी का सीधा असर सरकारी खजाने पर भी पड़ेगा। SBI रिसर्च का अनुमान है कि नवंबर 2025 में सकल घरेलू GST संग्रह लगभग ₹1.49 लाख करोड़ हो सकता है। आयात पर लगे IGST और सेस को जोड़ने पर कुल GST संग्रह ₹2 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है।