भारत की जनगणना 2027: तैयारियों में तेजी और डिजिटल पहल
भारत की जनगणना 2027 की तैयारी
भारत की जनगणना 2027 के पहले चरण की शुरुआत में अब तीन महीने से भी कम समय रह गया है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए सरकार ने व्यापक तैयारियों का आगाज़ कर दिया है, जिसे अधिकारी विश्व के सबसे बड़े प्रशासनिक अभियानों में से एक मानते हैं। अप्रैल 2026 में शुरू होने वाली गृह सूची और आवास जनगणना के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए उप-जिला, जिला और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के साथ गहन चर्चाएं की गई हैं। इस महीने की शुरुआत में पहले चरण के पूर्व-परीक्षण अभ्यास की सफलता के बाद तैयारियों में तेजी आई है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे भारत की पहली डिजिटल जनगणना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
जनगणना के लिए फील्ड स्टाफ की तैनाती
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, चर्चा में लाखों फील्ड स्टाफ की तैनाती पर विचार किया गया, जो हर घर का दौरा करेंगे। डेटा संग्रह के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग और इस विशाल डिजिटल अभियान के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की गई। योजना में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच पहले चरण के सुचारू संचालन के लिए जनगणना अधिकारियों की स्तरीय तैनाती भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि जनगणना 2027 दो चरणों में संपन्न होगी। पहला चरण, गृह सूचीकरण और आवास जनगणना, अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण, जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 में आयोजित किया जाएगा। लद्दाख, जम्मू और कश्मीर के बर्फ से ढके क्षेत्रों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनसंख्या गणना सितंबर 2026 में होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 दिसंबर को 11,718.24 करोड़ रुपये की लागत से जनगणना 2027 के प्रस्ताव को मंजूरी दी। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा पहले से लिए गए निर्णय के अनुसार, आगामी जनगणना में जाति गणना भी शामिल होगी। जनगणना 2027 भारत की 16वीं जनगणना और स्वतंत्रता के बाद की आठवीं जनगणना है। यह आवास की स्थिति, सुविधाओं, जनसांख्यिकी, धर्म, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, भाषाओं, साक्षरता, आर्थिक गतिविधि, प्रवासन और प्रजनन दर पर विस्तृत आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। यह प्रक्रिया जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 द्वारा संचालित होती है।
फील्ड वर्कर्स की भूमिका
इस जनगणना में लगभग 30 लाख फील्ड वर्कर काम करेंगे, जिससे 1.02 करोड़ से अधिक मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा। लगभग 18,600 तकनीकी कर्मी स्थानीय स्तर पर 550 दिनों तक डिजिटल डेटा प्रबंधन और निगरानी से संबंधित कार्यों में सहयोग करेंगे। इस व्यापक तकनीकी भागीदारी से संबंधित कर्मियों के लिए भविष्य में रोजगार के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद है। जनगणना करने वाले, जिनमें अधिकतर सरकारी स्कूल शिक्षक शामिल हैं, अपने नियमित कर्तव्यों के अतिरिक्त फील्ड विजिट भी करेंगे। इस कार्य में सहयोग के लिए उप-जिला, जिला और राज्य स्तर पर अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।