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भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति: जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवादियों को प्रॉक्सी के रूप में नहीं देखेगा और न ही उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों को बख्शा जाएगा। जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। उनकी टिप्पणियाँ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में आई हैं, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
 

भारत की दृढ़ता पर जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अब यह स्वीकार नहीं करेगा कि आतंकवादी केवल प्रॉक्सी हैं और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों को बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को 'कोई छूट' नहीं दी जाएगी और भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।

जयशंकर ने न्यूज़वीक को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे, यह कहते हुए कि स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए हमें कुछ नहीं करना चाहिए।'
विदेश मंत्री के ये बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के लगभग दो महीने बाद आए हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने इसे कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करने के लिए एक 'युद्ध का कार्य' बताया, जो कि राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।


आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

जयशंकर ने कहा कि भारत का संदेश दुनिया के लिए यह है कि आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस होना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में आतंकवादी गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और 26/11 के मुंबई हमले और संसद हमले जैसे कई आतंकवादी हमलों को याद किया।
जब उनसे पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद पर वैश्विक शक्तियों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के लिए भारत के संदेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'आज सुबह मैं संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर एक प्रदर्शनी में था, जिसे हमारे मिशन ने आयोजित किया था।'


आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम

जयशंकर ने कहा कि यदि हम यह मानते हैं कि एक आतंकवादी कार्य या एक आतंकवादी संगठन को यहां उचित ठहराया जा सकता है, तो यह अन्य स्थितियों में भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह संदेश देना होगा कि आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हमने पिछले चार दशकों में आतंकवाद का सामना किया है और यह अनुभव बहुत ही तीव्र रहा है।'


पहलागाम हमले के बाद की कार्रवाई

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ लक्षित हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

जयशंकर ने कहा कि भारत अब आतंकवादियों को प्रॉक्सी के रूप में नहीं देखेगा और न ही उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों को बख्शा जाएगा।


जयशंकर की अमेरिका यात्रा

जयशंकर ने मंगलवार को वाशिंगटन, डीसी में पहुंचने से पहले न्यूयॉर्क में 'आतंकवाद की मानव लागत' पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें आतंकवाद के राज्य प्रायोजन को उजागर करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।