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भारत की 6G तकनीक: वैश्विक नेतृत्व की ओर एक कदम

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत की 6G तकनीक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह तकनीक न केवल कृषि, स्वास्थ्य और स्मार्ट सिटी में बदलाव लाएगी, बल्कि 2035 तक भारत की जीडीपी में 1.2 ट्रिलियन डॉलर का योगदान भी कर सकती है। साथ ही, सैटेलाइट संचार के क्षेत्र में भी भारत की स्थिति मजबूत होगी। जानें इस तकनीकी क्रांति के पीछे की योजनाएं और भारत की डिजिटल कौशल में वृद्धि के बारे में।
 

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में महत्वपूर्ण घोषणा

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाImage Credit source: X/JM_Scindia

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025: केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में यह बताया कि भारत अब केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं रह गया है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर मानक स्थापित करने वाला एक इनोवेटर बन चुका है। उन्होंने कहा कि 6G तकनीक भारत को विश्व में नेतृत्व दिलाने में सहायक होगी और यह 2035 तक भारत की जीडीपी में 1.2 ट्रिलियन डॉलर का योगदान कर सकती है।


6G तकनीक का प्रभाव

सिंधिया ने बताया कि 6G तकनीक कृषि, स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब दुनिया यह स्वीकार करेगी कि वैश्विक तकनीक भारत पर निर्भर है। सरकार का लक्ष्य भारत 6G एलायंस के माध्यम से अगले कुछ वर्षों में 6G पेटेंट्स में वैश्विक हिस्सेदारी प्राप्त करना है।


सैटेलाइट संचार का महत्व

मंत्री ने यह भी बताया कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) भारत की डिजिटल रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है। वर्तमान में 4 अरब डॉलर का यह क्षेत्र 2033 तक 15 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। सिंधिया ने कहा कि Satcom तकनीक जमीन, समुद्र और अंतरिक्ष में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी, जिससे वैश्विक स्तर पर जुड़ाव का नया युग शुरू होगा।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा

PLI योजना का उल्लेख करते हुए सिंधिया ने कहा कि इसके तहत अब तक 91,000 करोड़ रुपये का उत्पादन, 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात और 30,000 नई नौकरियां उत्पन्न हुई हैं। यह भारत की पहचान को सर्विस नेशन से प्रोडक्ट नेशन में बदल रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य की दिशा इनोवेशन, डिजाइन और एक्सपोर्ट-ड्रिवन मैन्युफैक्चरिंग में है।


डिजिटल कौशल में वृद्धि

सिंधिया ने कहा कि इस डिजिटल परिवर्तन की नींव भारत की जनता है। आने वाले समय में भारत दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल स्किल्ड फोर्स बनेगा। सरकार का मानना है कि 6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेस-आधारित नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता भारत को दीर्घकालिक तकनीकी बढ़त दिलाएगी।