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भारत की 5 जेलें जहां घूमने का है अनोखा अनुभव

क्या आपने कभी सोचा है कि जेलें भी घूमने की जगह हो सकती हैं? भारत में ऐसी 5 जेलें हैं जहां आप बिना किसी अपराध के जा सकते हैं। इन जेलों का इतिहास और महत्व जानकर आप हैरान रह जाएंगे। सेलुलर जेल से लेकर तिहाड़ जेल तक, हर जगह की अपनी एक कहानी है। जानें इन अनोखी जेलों के बारे में और अपनी अगली यात्रा की योजना बनाएं।
 

अनोखी जेलों की यात्रा


घूमने का शौक रखने वाले लोग अक्सर पर्वतों, नदियों, और जंगलों की ओर जाते हैं। आमतौर पर, मनाली, कश्मीर, शिमला, केरल, और गोवा जैसे स्थलों पर यात्रा की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि लोग जेलों की भी सैर करते हैं? आज हम आपको भारत की ऐसी 5 जेलों के बारे में बताएंगे, जहां जाने के लिए किसी अपराध की आवश्यकता नहीं है। इन जेलों में भारत सरकार ने कुछ सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे लोग यहां घूमने आ सकते हैं।


1. सेलुलर जेल (अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह)

यह जेल भारतीय इतिहास की सबसे प्रसिद्ध जेलों में से एक है, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित किया गया था। यहां कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी, जैसे बटुकेश्वर दत्त और वीर सावरकर। इस जेल की यात्रा करने वाले लोग उनकी शहादत को याद कर सकते हैं, हालांकि यहां ठहरने का समय सीमित है।


2. तिहाड़ जेल (दिल्ली)

दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है, जिसे 1957 में पंजाब के राजा द्वारा बनवाया गया था। इस जेल में कई प्रसिद्ध राजनेता और मोस्ट वांटेड अपराधी रह चुके हैं, जिनमें लालू प्रसाद यादव और अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। आप अपनी पहचान दिखाकर यहां कुछ समय बिता सकते हैं।


3. हिजली जेल (पश्चिम बंगाल)

हिजली जेल का निर्माण 1930 में मिदनापुर में हुआ था। यह जेल तब चर्चा में आई जब 1931 में पुलिस ने दो निहत्थों की हत्या कर दी थी, जिसके विरोध में रवींद्रनाथ ठाकुर और सुभाष चंद्र बोस ने आवाज उठाई थी। यह जेल ऐतिहासिक महत्व रखती है और यहां देश-विदेश से लोग आते हैं।


4. वाइपर आइसलैंड (अंडमान एवं निकोबार द्वीप)

इस जेल की कोई विशेष पहचान नहीं है, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां कई स्वतंत्रता सेनानियों को प्रताड़ित किया गया था। उनकी याद में यहां कुछ पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग यहां आते हैं।


5. अगा खां पैलेस (पुणे)

इस जेल को पैलेस कहा जाता है क्योंकि इसे सुल्तान मोहम्मद शाह आगा खां तृतीय द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, यह अब एक जेल बन चुकी है। शायद उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनका बनाया हुआ पैलेस कभी एक ऐसी जेल बनेगा जहां लोग घूमने आएंगे। यह स्थान ऐतिहासिक महत्व रखता है और यहां आने की अनुमति है।