भारत की 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की उम्मीदें बढ़ीं
भारत की मेज़बानी की तैयारी
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी के लिए भारत की दौड़ ने खेल प्रेमियों के लिए एक नया मोड़ लिया है। बुधवार को, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने एक विशेष आम बैठक में देश की बोली को आधिकारिक रूप से मंजूरी दी, जिससे अहमदाबाद को कॉमनवेल्थ के एथलीटों का स्वागत करने का मौका मिल सकता है।
कैनेडा की विदाई से मिली ताकत
कैनेडा के दौड़ से हटने के बाद भारत की संभावनाओं को एक बड़ा बढ़ावा मिला है। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की एक टीम, जिसका नेतृत्व खेल निदेशक डैरेन हॉल कर रहे थे, हाल ही में अहमदाबाद का दौरा कर चुकी है। उनकी यात्रा भारत की क्षमताओं पर गंभीर विचार का संकेत देती है।
खेलों के प्रति भारत का उत्साह
भारत ने पहले 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी की थी, जो देश में आयोजित सबसे महत्वाकांक्षी बहु-खेल आयोजनों में से एक था। 2030 के लिए अहमदाबाद की मेज़बानी एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकती है।
कॉमनवेल्थ गेम्स की चुनौतियाँ
हाल के वर्षों में, कॉमनवेल्थ गेम्स ने अनिश्चितता का सामना किया है। 2026 संस्करण को तब संकट का सामना करना पड़ा जब ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया ने बढ़ते खर्चों के कारण मेज़बानी से हटने का निर्णय लिया।
आगे का रास्ता
अगस्त के अंत तक, भारत को एक विस्तृत बोली प्रस्तुत करनी होगी जो खेल और वित्तीय अपेक्षाओं को पूरा करे। यदि सफल होता है, तो ये खेल देश की खेल अवसंरचना, पर्यटन और वैश्विक प्रोफ़ाइल को बढ़ावा दे सकते हैं।