भारत का वैश्विक एआई ढांचा: पीएम मोदी का नया दृष्टिकोण
भारत का एआई शासन ढांचा
नई दिल्ली, 3 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत एक नैतिक और मानव-केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी एआई शासन ढांचा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिसका उद्देश्य नवाचार और सुरक्षा को एक साथ विकसित करना है।
पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत फरवरी 2026 में 'ग्लोबल एआई समिट' की मेज़बानी करेगा, जो समावेशी, नैतिक और मानव-केंद्रित एआई की दिशा में प्रयासों को तेज़ करेगा।
प्रधानमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया और यह सुनिश्चित करने की बात की कि ये नैतिक और समावेशी बने रहें। उन्होंने एआई का उदाहरण देते हुए कहा कि इसका व्यापक उपयोग खुदरा, लॉजिस्टिक्स, ग्राहक सेवा और बच्चों के होमवर्क में हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एआई को समाज के हर वर्ग के लिए लाभकारी बनाने के लिए काम कर रहा है। भारत एआई मिशन के तहत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है।
यहां भारत मंडपम में उभरती विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ESTIC) 2025 को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उभरते क्षेत्रों में तीव्र प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया, जो विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अपने मुख्य भाषण के दौरान, पीएम मोदी ने कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए: क्या भारत अगली पीढ़ी के बायोफोर्टिफाइड फसलों का विकास कर सकता है ताकि वैश्विक कुपोषण से लड़ने में मदद मिल सके? क्या कम लागत वाले मिट्टी स्वास्थ्य संवर्धकों और जैव-उर्वरकों में नवाचार रासायनिक इनपुट के विकल्प के रूप में काम कर सकते हैं और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं? क्या भारत अपनी जीन विविधता को बेहतर ढंग से मानचित्रित कर सकता है ताकि व्यक्तिगत चिकित्सा और रोग की भविष्यवाणी को आगे बढ़ाया जा सके? क्या स्वच्छ ऊर्जा भंडारण में नए और सस्ते नवाचार विकसित किए जा सकते हैं, जैसे कि बैटरी?
इसके अलावा, उन्होंने उन महत्वपूर्ण इनपुट की पहचान करने के महत्व पर जोर दिया, जिन पर भारत विश्व पर निर्भर है और उन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता बताई।
पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगे सभी लोग उठाए गए प्रश्नों से परे जाएंगे और नए संभावनाओं की खोज करेंगे।
उन्होंने विचारों वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और अनुसंधान को वित्तपोषण देने और वैज्ञानिकों को अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन से एक सामूहिक रोडमैप के उभरने की इच्छा व्यक्त की और विश्वास जताया कि यह भारत की नवाचार यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।