भारत का तेजस मार्क-1ए: पहली उड़ान की तैयारी में एक नया अध्याय
तेजस मार्क-1ए की पहली उड़ान
तेजस-मार्क 1-ए
भारत की रक्षा तकनीक में 17 अक्टूबर एक महत्वपूर्ण दिन साबित होने जा रहा है। इस दिन स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए (Tejas Mk-1A) अपनी पहली उड़ान भरेगा। यह उड़ान महाराष्ट्र के नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के परिसर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में होगी। तेजस मार्क-1ए, भारत में निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) का उन्नत संस्करण है, जो चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है और कई मिशनों को एक साथ पूरा करने की क्षमता रखता है।
तेजस मार्क-1ए की विशेषताएँ
आधुनिक तकनीक से लैस तेजस मार्क-1ए
तेजस मार्क-1ए की विशेषता यह है कि यह हल्का, तेज और शक्तिशाली है। यह विमान 8 से 9 टन तक के हथियार ले जा सकता है और एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम इसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बनाते हैं।
स्वदेशी उत्पादन में वृद्धि
स्वदेशी उत्पादन क्षमता को मिलेगी रफ्तार
तेजस की पहली उड़ान के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर की दूसरी प्रोडक्शन लाइन और तेजस Mk-1A की तीसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन करेंगे। इन नई उत्पादन लाइनों से देश में विमान निर्माण की क्षमता में तेजी आएगी और भारतीय वायुसेना को आने वाले वर्षों में कई नए स्वदेशी विमान मिलेंगे।
भारतीय वायुसेना को 83 तेजस विमान
83 तेजस विमान वायुसेना को मिलेंगे
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने लक्ष्य रखा है कि अगले चार वर्षों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट्स की डिलीवरी पूरी कर ली जाएगी। ये विमान पुराने मिग-21 स्क्वाड्रन की जगह लेंगे, जो अब सेवानिवृत्त किए जा रहे हैं।
प्रोजेक्ट में देरी के कारण
देरी का कारण अमेरिकी इंजन
तेजस प्रोग्राम में कुछ देरी हुई है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी इंजन की डिलीवरी में देरी रही है। इस वजह से यह प्रोजेक्ट लगभग डेढ़ से दो साल पीछे चल रहा है। वायुसेना प्रमुख पहले ही इस पर चिंता जता चुके हैं, लेकिन अब कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
तेजस मार्क-1ए की उड़ान न केवल भारत की एविएशन इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। इस उड़ान के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो स्वदेशी तकनीक से अत्याधुनिक लड़ाकू विमान विकसित करने में सक्षम हैं। तेजस मार्क-1ए आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनने जा रहा है और यह घरेलू रक्षा उद्योग के नए युग की शुरुआत करेगा।