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भारत का जोरावर टैंक: चीन के टाइप-99B के मुकाबले नई रणनीति

चीन के टाइप-99B टैंक के अपग्रेड के बाद, भारत ने जोरावर लाइट टैंक विकसित किया है, जो LAC और ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस लेख में, हम जोरावर की विशेषताओं, परीक्षणों और इसकी रणनीतिक महत्वता पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे यह टैंक चीन के भारी टैंकों का मुकाबला करेगा और भारत की हिमालयी युद्ध रणनीति को मजबूत करेगा।
 

LAC पर टैंकों की प्रतिस्पर्धा

जोरावर टैंक

चीन ने अपने टाइप-99B मेन बैटल टैंक को ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए अपग्रेड किया है, जिससे हिमालयी सीमा पर बख्तरबंद ताकत को लेकर नई चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। सरकारी मीडिया के अनुसार, यह टैंक ठंडे और ऑक्सीजन की कमी वाले इलाकों में युद्ध के लिए तैयार किया गया है। ऐसे में भारत की रणनीति क्या होगी? इसका उत्तर है स्वदेशी जोरावर लाइट टैंक।

चीन का टाइप-99B टैंक: एक भारी ताकत

टाइप-99B, चीन के तीसरी पीढ़ी के टैंकों का उन्नत संस्करण है। इसमें उन्नत कमांड-कंट्रोल सिस्टम, उच्च फायरपावर, एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर, 360-डिग्री दृष्टि, आधुनिक थर्मल साइट्स और ड्रोन-रोधी GL-6 सक्रिय सुरक्षा प्रणाली शामिल हैं। यह टैंक विशेष रूप से तिब्बती पठार जैसे क्षेत्रों में तेज और लगातार ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है। हालांकि, इसका भारी वजन ऊंचे और संकरे पहाड़ी इलाकों में इसकी गति को चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

भारत का जोरावर: LAC के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया

चीन की इस रणनीति का जवाब देने के लिए, भारत ने जोरावर लाइट टैंक का विकास किया है, जिसे विशेष रूप से LAC और ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है। वर्तमान में, भारतीय सेना जोरावर के परीक्षण विभिन्न स्थानों पर कर रही है, जिनमें लद्दाख और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्र शामिल हैं। इन परीक्षणों में टैंक की गतिशीलता, फायरपावर, ठंडे मौसम में प्रदर्शन और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट की जांच की जा रही है।

जोरावर की विशेषताएँ

  • जोरावर का हल्का वजन इसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेजी से तैनात करने में मदद करता है।
  • यह हवाई मार्ग से परिवहन के लिए भी अधिक उपयुक्त है।
  • इसमें आधुनिक गन सिस्टम, उन्नत थर्मल साइट्स, बेहतर इंजन प्रदर्शन और नेटवर्क-आधारित युद्ध क्षमता शामिल है, जो इसे पहाड़ी इलाकों में अत्यधिक प्रभावी बनाती है।

भारी बनाम हल्का: चीन टाइप-99B जैसे भारी टैंकों पर निर्भर है, जबकि भारत की रणनीति गति, फुर्ती और परिस्थितियों के अनुसार तैनाती पर केंद्रित है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि LAC जैसे क्षेत्रों में हल्के और तेज टैंक अधिक प्रभावी होते हैं।

भविष्य की तैयारी

जैसे-जैसे जोरावर के परीक्षण पूरे होंगे, इसकी LAC पर तैनाती की दिशा स्पष्ट होगी। यह न केवल चीन के टाइप-99B और टाइप-15 टैंकों का जवाब होगा, बल्कि भारत की हिमालयी युद्ध रणनीति को भी नई मजबूती प्रदान करेगा।

इस प्रकार, LAC पर मुकाबला अब केवल संख्या या वजन का नहीं, बल्कि तकनीक, फुर्ती और ऊंचाई के अनुकूल रणनीति का बनता जा रहा है, और इस दौड़ में भारत का जोरावर एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभर रहा है।