भारत का अनोखा गाँव: जहाँ लोग सीटी बजाकर करते हैं संवाद
भारत की विविधता और संस्कृति
भारत एक विशाल और अद्भुत देश है, जो अपनी विविधता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ धर्म, भाषा, संस्कृति, परंपरा और जलवायु के मामले में अत्यधिक विविधता देखने को मिलती है। दक्षिण भारत में मौसम स्थिर रहता है, जबकि कश्मीर में लोग ठंड में जीवन यापन करते हैं। यहाँ तक कि गर्मियों में भी कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में बर्फबारी होती है, जो भारत की विविधता को दर्शाता है।
भारत की संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक मानी जाती है। विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न परंपराएँ देखने को मिलती हैं। यहाँ विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदायों के लोग एक साथ रहते हैं, जिससे अनेक परंपराएँ विकसित हुई हैं। हर धर्म की अपनी मान्यताएँ और परंपराएँ होती हैं, जिनके अनुसार लोग अपना जीवन व्यतीत करते हैं। यह विविधता विदेशी लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
भारत में कई अन्य विशेषताएँ भी हैं, जो इसे विश्व में एक अलग पहचान देती हैं। जब अंग्रेज़ भारत आए थे, तो उन्होंने इसे साँपों का देश कहा था, क्योंकि यहाँ साँपों की प्रचुरता है। भारत में लोग साँपों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाने की परंपरा भी है। सभ्यता के आरंभ के साथ ही भाषाओं का विकास हुआ, जिससे लोगों ने संवाद स्थापित करने के लिए विभिन्न भाषाएँ बनाई।
गाँव के लोग बोलते नहीं बल्कि बजाते हैं सीटी:
गाँव के लोग बोलते नहीं बल्कि बजाते हैं सीटी:
आपने देखा होगा कि लोग अपनी बात कहने के लिए बोलते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताएंगे, जहाँ लोग संवाद के लिए सीटी का उपयोग करते हैं। यहाँ के लोग बोलने के बजाय सीटी बजाते हैं, जिससे सामने वाला समझ जाता है कि क्या कहा जा रहा है। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है, लेकिन यह सच है।
व्हिसलिंग विलेज के नाम से मशहूर है यह गाँव:
आपको जानकर और भी आश्चर्य होगा कि यह गाँव भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसे व्हिसलिंग विलेज के नाम से जाना जाता है। यह गाँव मेघालय राज्य की खूबसूरत वादियों में बसा हुआ है, जिसका नाम कांगथान है। यहाँ के लोग किसी को बुलाने के लिए सीटी बजाते हैं, और सामने वाला व्यक्ति समझ जाता है कि किसे बुलाया जा रहा है। इस गाँव में ख़ासी जनजाति के लोग निवास करते हैं।