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भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने वाला नया तकनीकी समझौता

भारत और फ्रांस ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों की विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग कर भविष्य की रक्षा चुनौतियों का सामना करना है। इसमें उपकरणों और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान शामिल है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी में योगदान देगा। जानें इस समझौते के प्रमुख पहलुओं के बारे में।
 

भारत-फ्रांस रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर.

भारत और फ्रांस ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास को और मजबूत करने के लिए एक नया तकनीकी समझौता किया है। यह समझौता रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और फ्रांस के आयुध महानिदेशालय (डीजीए) के बीच हुआ। समझौते पर हस्ताक्षर डीआरडीओ के सचिव डॉ. समीर वी. कामत और फ्रांस के राष्ट्रीय आयुध निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज डी तुएस्टा ने किए।

इस सहयोग का उद्देश्य भविष्य की रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देशों की विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग करना है। यह समझौता जॉइंट रिसर्च, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, परीक्षण गतिविधियों, और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक औपचारिक ढांचा प्रदान करता है।

समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच उपकरणों, तकनीकी जानकारी और प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान किया जाएगा। प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में एयरोनॉटिकल प्लेटफार्म, मानवरहित प्रणालियां, उन्नत रक्षा सामग्री, साइबर सुरक्षा, एआई, अंतरिक्ष, नेविगेशन, प्रोपल्शन, सेंसर, क्वांटम तकनीक और अन्य क्षेत्रों का समावेश है। दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह सहयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान देगा।