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भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका में आमने-सामने की स्थिति

भारत का सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के साथ आमने-सामने होगा। शशि थरूर, जो इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने अमेरिका में भारत के संदेश को फैलाने के लिए अपनी रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अमेरिका का मीडिया चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जो लोग दक्षिण एशिया और आतंकवाद के प्रति संवेदनशील हैं, वे भारत की बात सुनेंगे। थरूर ने यह भी कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जो भारत की लोकतांत्रिक विविधता को दर्शाते हैं।
 

भारत का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में

भारत का सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल अब अमेरिका की ओर बढ़ रहा है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास में है। इस दौरान, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का सामना पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल से होगा, जिसका नेतृत्व बिलावल भुट्टो कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता हैं, आतंकवाद पर भारत का संदेश फैलाने के प्रति आश्वस्त हैं।


थरूर का बयान

थरूर ने कहा कि अमेरिका का मीडिया एक चुनौतीपूर्ण स्थान है, लेकिन जो लोग दक्षिण पूर्व एशिया और आतंकवाद के खिलाफ हैं, वे भारत की बात सुनेंगे। उन्होंने बताया कि वाशिंगटन में पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद होगा, जिससे रुचि बढ़ने की संभावना है।


अमेरिका में भारत का संदेश

थरूर ने यह भी कहा कि भले ही भारत का मामला अमेरिकी मीडिया की प्राथमिकता में न हो, फिर भी भारत अपना संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचा सकता है। उन्होंने बताया कि वाशिंगटन में उनके पास प्रभावशाली सरकारी अधिकारियों और समितियों के साथ बैठकें निर्धारित हैं।


भारत और अमेरिका के संबंध

थरूर ने कहा कि अमेरिका भारत के लिए रक्षा, खुफिया साझेदारी और QUAD जैसे कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल सीमित देशों का दौरा कर रहा है, जबकि भारत अधिक देशों में जा रहा है।


भारत की स्थिति

थरूर ने यह स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा संघर्ष को बढ़ाने में रुचि नहीं दिखाई है।


प्रतिनिधिमंडल की संरचना

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शशि थरूर कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत की लोकतांत्रिक विविधता को दर्शाता है।