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भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट की तैयारी

भारत और इंग्लैंड के बीच 10 जुलाई को लॉर्ड्स में होने वाले टेस्ट मैच की तैयारी जोरों पर है। एजबेस्टन में मिली जीत के बाद, इंग्लैंड ने पिच को लेकर नई रणनीति बनाई है। जानें कैसे दोनों टीमें इस महत्वपूर्ण मुकाबले में अपनी ताकत और कमजोरियों का सामना करेंगी। क्या भारत को फिर से पिच की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

लॉर्ड्स में अगली चुनौती

एजबेस्टन टेस्ट में जीत के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम की अगली परीक्षा 10 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर होगी। इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट में 336 रनों से मिली हार के बाद पिच को लेकर सजगता दिखाई है। इस बार इंग्लिश टीम ने फ्लैट पिच से दूरी बनाने का निर्णय लिया है और लॉर्ड्स में तेज गेंदबाजों के लिए उपयुक्त पिच की मांग की है।


पिच पर इंग्लैंड की रणनीति

बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम का मानना है कि एजबेस्टन में पिच उपमहाद्वीप की तरह थी। टॉस के समय स्टोक्स द्वारा पहले गेंदबाजी करने का निर्णय भारत के लिए फायदेमंद साबित हुआ। इंग्लैंड की टीम तीसरे टेस्ट में घरेलू लाभ का बेहतर उपयोग करने की कोशिश करेगी। इंग्लिश तेज गेंदबाजी आक्रमण में भी बदलाव की संभावना है।


पिच की विशेषताएँ

पिछले महीने लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में तेज गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला था, जिसमें पैट कमिंस और कगिसो रबाडा को सीम मूवमेंट मिला। मैकुलम ने एमसीसी के हेड ग्राउंड्समैन कार्ल मैकडरमोट से तेज और उछाल वाली पिच की मांग की है। उनका मानना है कि यदि पिच में जीवन है, तो यह एक रोमांचक मुकाबला होगा।


भारत की उम्मीदें

2018 में भारत को इस मैदान पर हरी पिच पर कठिनाई का सामना करना पड़ा था, लेकिन चार साल पहले उसने यहां टेस्ट मैच जीता था। जसप्रीत बुमराह को सीम आक्रमण में वापस लाया जाएगा, जिन्हें बर्मिंघम में आराम दिया गया था। कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि, 'देखते हैं कि लॉर्ड्स में हमें कैसा विकेट मिलता है। मेरा अनुमान है कि यह सपाट नहीं होगी।'