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भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच: एजबेस्टन की पिच और मौसम की चुनौतियाँ

भारत और इंग्लैंड के बीच 2 जुलाई को एजबेस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच की तैयारी जोरों पर है। इस लेख में हम पिच की स्थिति, मौसम की भविष्यवाणी और भारत के एजबेस्टन में रिकॉर्ड पर चर्चा करेंगे। क्या भारत इस बार अपनी किस्मत बदल पाएगा? जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ इस लेख में।
 

भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच

2 जुलाई को भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मुकाबला बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित होगा। इस मैच से दो दिन पहले एजबेस्टन की पिच पर घास की अच्छी मात्रा है, लेकिन गर्मी के कारण यहां की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। बुधवार को टॉस से पहले घास को काटने की योजना है। 


टीमों की तैयारी

इस संदर्भ में, भारतीय टीम अपनी प्लेइंग इलेवन का चयन करेगी, जबकि इंग्लैंड ने पहले ही अपनी टीम की घोषणा कर दी है। एजबेस्टन का मैदान भारत के लिए हमेशा से भाग्यशाली नहीं रहा है। यहां भारत ने कुल आठ टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से उसे सात में हार का सामना करना पड़ा है और एक मैच ड्रॉ रहा है। 


पिच की स्थिति

पिच का मिजाज
एजबेस्टन की पिच पर एक रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है। पहले दो दिनों में ड्यूक की गेंद से तेज गेंदबाजों को सहायता मिल सकती है। यदि मैदान पर बादल छाए रहे, तो गेंदबाजों का दबदबा बढ़ सकता है। वहीं, तीसरे और चौथे दिन बल्लेबाजी के लिए पिच अधिक अनुकूल हो सकती है। अंतिम दिन स्पिनरों का प्रभाव देखने को मिल सकता है। हाउस्टेट के अनुसार, यहां पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों का जीत प्रतिशत 32.14 है। 


मौसम की भविष्यवाणी

एजबेस्टन में बारिश कर सकती है परेशान
एक्यूवेदर के अनुसार, 2 जुलाई को मैच के पहले दिन बारिश की संभावना 84 प्रतिशत तक है। दूसरे और तीसरे दिन मौसम साफ रहने की उम्मीद है, लेकिन चौथे और पांचवें दिन बारिश का खलल देखने को मिल सकता है। इन पांच दिनों में अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक रह सकता है। 


भारत का एजबेस्टन में रिकॉर्ड

एजबेस्टन में भारत का रिकॉर्ड
भारत ने एजबेस्टन में कुल 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 7 में उसे हार का सामना करना पड़ा और केवल 1 टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस मैदान पर भारत का सर्वोच्च टीम स्कोर 416 रन है, जबकि व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर 92 रन रहा है। भारत का इकलौता ड्रॉ 1986 में हुआ था, जब कपिल देव टीम के कप्तान थे।