भाजपा संसदीय दल की बैठक से एनडीए की नई राजनीतिक दिशा का संकेत
भाजपा संसदीय दल की बैठक ने एनडीए की नई राजनीतिक दिशा को स्पष्ट किया है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, भाजपा अब सहयोगी दलों के समर्थन पर निर्भर है। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम किया और विपक्ष पर भी निशाना साधा। जानें इस बदलाव के पीछे की रणनीतियाँ और भाजपा की नई कार्यप्रणाली के बारे में।
Aug 5, 2025, 11:51 IST
भाजपा संसदीय दल की बैठक का महत्व
भारतीय राजनीति में प्रतीकों और प्रक्रियाओं की अहमियत होती है, और मंगलवार को होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठक इस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह बैठक न केवल पार्टी के भीतर संवाद और अनुशासन का माध्यम होती थी, बल्कि सरकार की नीतियों को बढ़ावा देने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने का भी एक मंच थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों ने इस संतुलन को प्रभावित किया है। भाजपा अब पहली बार स्पष्ट बहुमत से दूर है और केंद्र में सरकार बनाने के लिए एनडीए के सहयोग पर निर्भर है। इस बदलाव के साथ, भाजपा संसदीय दल की बैठकें अब एनडीए संसदीय दल की बैठकों में बदल गई हैं, जो केवल एक कार्यसूची का परिवर्तन नहीं, बल्कि राजनीतिक वास्तविकता की स्वीकृति का संकेत है।
भाजपा की बदलती रणनीति
2014 और 2019 में जब भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था, तब संसदीय दल की बैठकें पार्टी की आत्मविश्वास और एकल निर्णय लेने की शैली का प्रतीक थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता सांसदों को मार्गदर्शन देते थे और आवश्यक नीतिगत मुद्दों पर दिशा तय करते थे। लेकिन अब, 2024 के चुनावों में भाजपा को 272 के जादुई आंकड़े से नीचे रुकना पड़ा है, जिससे उसे एनडीए के घटक दलों, जैसे तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल (यूनाइटेड) के समर्थन की आवश्यकता पड़ी है। इस गठबंधन की मजबूती बनाए रखना अब भाजपा की प्राथमिकता बन गई है।
एनडीए की बैठक का महत्व
इस नई स्थिति में एनडीए संसदीय दल की बैठकें आयोजित करना एक व्यावहारिक और रणनीतिक निर्णय है। इससे सहयोगी दलों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, जिससे सरकार की स्थिरता सुनिश्चित होती है। हाल ही में आयोजित एनडीए संसदीय दल की बैठक ने इस बदलाव को स्पष्ट रूप से दर्शाया। यह बैठक केवल भाजपा के सांसदों तक सीमित नहीं थी, बल्कि पूरे गठबंधन के सामूहिक नेतृत्व को सामने लाने का प्रयास था। इससे यह संदेश मिलता है कि सरकार केवल भाजपा की नहीं, बल्कि एनडीए की है।
भाजपा की आंतरिक बैठकों का भविष्य
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा संसदीय दल की बैठकें पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं या केवल स्थगित हैं। संभव है कि भाजपा आंतरिक बैठकों को अनौपचारिक तरीकों से संचालित कर रही हो। लेकिन यह स्पष्ट है कि वर्तमान राजनीतिक समीकरण में 'भाजपा का एकछत्र राज' की रणनीति फिलहाल स्थगित है। इसके स्थान पर 'साझा नेतृत्व और सहमति आधारित निर्णय' की शैली अपनाई जा रही है।
बैठक में लिए गए निर्णय
आज की बैठक में एनडीए संसदीय दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पहलगाम आतंकवादी हमले पर उनकी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के लिए सम्मानित किया। 'भारत माता की जय' के नारों के बीच भाजपा और सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान किया। बैठक में प्रधानमंत्री ने अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अब सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री हैं।
सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एनडीए संसदीय दल की बैठक में सशस्त्र बलों के पराक्रम को नमन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए अद्वितीय साहस को सलाम किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री ने संसदीय अवरोध पर चिंता जताते हुए विपक्ष को आड़े हाथ लिया।