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भाजपा नेता दिलीप घोष ने टीएमसी पर एसआईआर प्रक्रिया का विरोध करने का आरोप लगाया

भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध करने और इसके दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस प्रक्रिया की अनदेखी की गई, तो 10% फर्जी मतदाता बिना जांच के रह जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि एसआईआर के कारण 40 लोगों की जान गई है और यह राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
 

टीएमसी पर गंभीर आरोप

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दिलीप घोष ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का विरोध करने और इसके दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस प्रक्रिया की अनदेखी की गई, तो 10% फर्जी मतदाता बिना जांच के रह जाएंगे, जिससे एसआईआर की पूरी प्रक्रिया कमजोर हो जाएगी। घोष ने कहा कि टीएमसी ने न केवल एसआईआर का विरोध किया है, बल्कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग भी किया है। उन्होंने कहा कि बीएलओ पर दबाव डालकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पूरा सत्यापन किया जाए, अन्यथा राज्य में 10% फर्जी मतदाता बने रहेंगे और एसआईआर की प्रक्रिया बेकार हो जाएगी।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान

पश्चिम बंगाल अन्य 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एसआईआर प्रक्रिया में शामिल है, जबकि राज्य में विधानसभा चुनाव 2026 में होने की संभावना है। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया में 40 लोगों की जान जा चुकी है और इसका उद्देश्य राज्य सरकार को अस्थिर करना है।


बनर्जी ने मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती लोगों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों में एसआईआर को चुनिंदा रूप से लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि एसआईआर के कारण 40 लोगों की मौत हुई है और यह राशि मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती लोगों के लिए 1 लाख रुपये है।


बनर्जी ने कहा कि चुनावों से ठीक तीन महीने पहले एसआईआर की घोषणा की गई है ताकि राज्य सरकार को काम न करने दिया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि सीमावर्ती राज्यों में एसआईआर क्यों लागू नहीं हो रहा है, जहाँ भाजपा सत्ता में है।


भाजपा पर अल्पसंख्यकों को बाहर करने का आरोप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से अपील की कि वे सुनवाई में भाग लें और सही तरीके से फॉर्म भरें। उन्होंने भाजपा पर अल्पसंख्यकों, मतुआ और राजबंशियों को बाहर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने मतदाताओं को निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन न करने की चेतावनी दी, यह कहते हुए कि इससे अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को लाभ होगा।


बनर्जी ने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर बंगाल में एक डिटेंशन कैंप स्थापित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में कोई डिटेंशन कैंप नहीं बनेगा। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि वे उनकी बात ध्यान से सुनें और सुनवाई में शामिल हों, अन्यथा उनका नाम हटा दिया जाएगा।