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भाजपा ने राहुल गांधी पर उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थिति को लेकर किया हमला

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित रहने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने गांधी पर संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी अनुपस्थिति लोकतंत्र के लिए खतरा है। कांग्रेस ने गांधी की अनुपस्थिति का बचाव किया है, जबकि भाजपा और शिवसेना ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर भाजपा का तीखा बयान

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि वे भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में गांधी पर संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गांधी भारतीय संविधान और लोकतंत्र के प्रति नफरत रखते हैं और उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।


गांधी की सार्वजनिक जिम्मेदारी पर सवाल

भंडारी ने यह भी कहा कि गांधी स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले पर भी उपस्थित नहीं हुए थे। उन्होंने गांधी की सार्वजनिक जीवन के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे नेता को सार्वजनिक जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता। भंडारी ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी ने मलेशिया में छुट्टियां बिताने का समय निकाला, लेकिन एक संवैधानिक समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। उनके अनुसार, गांधी भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।


कांग्रेस का बचाव

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कार्यक्रम में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया, जबकि राहुल गांधी एक पार्टी कार्यक्रम के लिए गुजरात गए थे। कांग्रेस नेता उदित राज ने गांधी की अनुपस्थिति का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता के लिए हर संवैधानिक समारोह में उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि खड़गे की उपस्थिति पर्याप्त थी और भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।


विपक्षी नेताओं की अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया

यह ध्यान देने योग्य है कि 2022 में भी कई विपक्षी नेता जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहे थे। धनखड़, जिन्होंने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था, इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। भाजपा के अलावा, उनकी सहयोगी शिवसेना ने भी विपक्षी नेताओं की अनुपस्थिति की आलोचना की। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष को संवैधानिक अवसरों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।


प्रदीप भंडारी का ट्वीट