भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर किया तीखा हमला, संजय सिंह के बयान पर विवाद
भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर संजय सिंह के विवादास्पद बयान के बाद तीखा हमला किया है। सिंह ने संसद में कहा कि "हराम में भी राम समाहित हैं," जिससे राजनीतिक बहस छिड़ गई। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। इस विवाद के बीच, संसद ने वीबी-जी-आरएएम जी विधेयक को पारित किया, जो एमजीएनआरईजीए को प्रतिस्थापित करने का प्रयास है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के सभी पहलुओं के बारे में।
Dec 20, 2025, 12:33 IST
संजय सिंह का विवादास्पद बयान
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद में बहस के दौरान कहा कि "हराम में भी राम समाहित हैं।" यह टिप्पणी उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) के स्थान पर लाए जा रहे विकसित भारत-ग्रामीण रोजगार और मानव गरिमा (वीबी-जी राम जी) विधेयक का विरोध करते हुए की।
भाजपा की प्रतिक्रिया
सिंह ने प्रस्तावित कानून को काला कानून बताते हुए चेतावनी दी कि यदि इसे पारित किया गया, तो यह एक ऐतिहासिक गलती होगी और किसान तथा मजदूर सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता पर हिंदू भावनाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि हिंदू भावनाओं के प्रति अनादर और शत्रुता बढ़ती जा रही है, और आरोप लगाया कि विपक्षी भारतीय गठबंधन के नेता एक "हिंदू विरोधी माहौल" को बढ़ावा दे रहे हैं।
राजनीतिक बहस का आरंभ
भंडारी ने यह भी कहा कि इस तरह की बयानबाजी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह राजनीतिक बहस तब शुरू हुई जब संसद ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच ध्वनि मत से वीबी-जी-आरएएम जी विधेयक को पारित किया। विपक्षी दलों ने संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरना दिया था। यह नया कानून एमजीएनआरईजीए को प्रतिस्थापित करने के लिए लाया गया है, जो 2005 से ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों का अकुशल मजदूरी रोजगार प्रदान करता रहा है।
विधेयक का उद्देश्य
इस सप्ताह की शुरुआत में ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि प्रस्तावित ढांचा रोजगार की कानूनी गारंटी को बनाए रखते हुए ग्रामीण कार्यों के दायरे को बुनियादी ढांचे के विकास, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और आजीविका सृजन से जोड़कर व्यापक बनाएगा। विधेयक में मांग आधारित रोजगार, समयबद्ध कार्य आवंटन और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मजदूरी भुगतान के प्रावधान भी शामिल हैं।