भाजपा अध्यक्ष ने जमात-ए-इस्लामी पर उठाए सवाल, कांग्रेस पर आरोप
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने जमात-ए-इस्लामी को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नीलांबुर उपचुनाव में जमात-ए-इस्लामी से समर्थन लिया और यह पहली बार है जब ऐसा हुआ है। चंद्रशेखर ने कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि कांग्रेस को दूर से नियंत्रित किया जा रहा है। यूडीएफ ने अपनी जीत को अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी का पहला कदम बताया है।
Jul 2, 2025, 12:09 IST
राजीव चंद्रशेखर का बयान
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने जमात-ए-इस्लामी को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ एक संगठन बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी इसे खतरनाक करार दिया है। चंद्रशेखर ने नीलांबुर उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा जमात-ए-इस्लामी से समर्थन लेने का आरोप लगाया और कहा कि इस समर्थन के चलते कांग्रेस ने जीत हासिल की। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस संविधान और धर्मनिरपेक्षता की बात करती है, लेकिन वास्तव में वे देश विरोधी दलों के साथ अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं। हाल ही में खड़गे साहब ने कहा, "जब लोग आपातकाल को भूल चुके हैं, तो आप 50 साल क्यों मना रहे हैं?"
राजीव चंद्रशेखर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस की देश विरोधी पार्टियों को मुख्यधारा में लाने की राजनीति को उजागर कर रहे हैं। यह पहली बार है जब कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी के दबाव में आकर उनके साथ गठबंधन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 26/11 के हमले के समय कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति को देखा गया था, जिसमें आरएसएस को दोषी ठहराया गया था। पहलगाम हमले के दौरान रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था कि यह अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के कारण हुआ। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन जमात-ए-इस्लामी के साथ राजनीति कर रहे हैं, जो केवल तुष्टिकरण के लिए है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस जमात-ए-इस्लामी से समर्थन लेती है, जिससे यह पता चलता है कि पार्टी को दूर से कौन नियंत्रित करता है।
केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर यूडीएफ की जीत से उत्साहित विपक्ष ने इसे अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी का पहला कदम बताया। वहीं, सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने कांग्रेस-नीत गठबंधन पर सांप्रदायिक मतों के सहारे जीत का आरोप लगाया। संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के नेतृत्व ने नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार आर्यदान शौकत की सफलता का श्रेय मजबूत सामूहिक प्रयास और नेताओं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय को दिया है।