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भगवंत मान ने अकाली नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को अकाली नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने पैसे के लालच में धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया है। मान ने आरोप लगाया कि अकाली नेताओं ने सिख पंथ की सर्वोच्च धार्मिक संस्था को कमजोर किया है और अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसका दुरुपयोग किया है। इस पर एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और मान के आरोपों का क्या असर हो सकता है।
 

मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को अकाली नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पैसे के लालच में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को ‘शिरोमणि गोलक (दानपेटी) प्रबंधक कमेटी’ में बदल दिया है।


मान की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने इसे “निराधार और सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला” करार दिया। उन्होंने इसे सिख पंथ की सर्वोच्च धार्मिक संस्था का अपमान भी बताया।


धामी ने कहा कि मान की टिप्पणी उनके “बौद्धिक दिवालियेपन” को दर्शाती है और उनके अहंकार और उथली समझ को उजागर करती है। जनसभा में मान ने आरोप लगाया कि बादल परिवार ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग किया है, जिसमें अकाल तख्त के जत्थेदारों की नियुक्ति में हेरफेर करना भी शामिल है।


उन्होंने कहा, “अकालियों ने वित्तीय लाभ के लिए एसजीपीसी की शुचिता को कमतर किया है और संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए इसका दुरुपयोग किया है।”


मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अकाली नेताओं ने सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के निर्देशों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, ताकि “जनता को धोखा दिया जा सके और अपने एजेंडे को पूरा किया जा सके।”


मान ने कहा, “अकालियों ने न केवल सरकारी खजाने को लूटा, बल्कि धार्मिक संस्थाओं के धन को भी लूटा। उनके कार्यकाल में राजनीतिक और धार्मिक शोषण की भरमार रही, जिससे पंजाब को काफी नुकसान हुआ।”


उन्होंने यह भी कहा कि अकाली नेतृत्व एक ऐसी विरासत का प्रतीक है जिसमें गरीबों की अनदेखी की गई, जबकि ताकतवर लोगों ने राज्य को बेरोकटोक लूटा। मान ने कहा कि अकाली नेता लोगों की पहुंच से बाहर रहे, जिसके कारण उन्हें बाहर कर दिया गया।