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ब्राह्मी की खेती: किसानों के लिए लाभकारी जड़ी बूटी

ब्राह्मी की खेती एक लाभकारी विकल्प है, जो किसानों को अच्छी कमाई का अवसर प्रदान करती है। इसकी मांग न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी है। इस लेख में जानें कि कैसे ब्राह्मी की खेती की जाती है, इसकी प्रक्रिया और इससे होने वाली संभावित कमाई के बारे में।
 

किसानों के लिए लाभकारी खेती


ब्राह्मी की खेती एक अत्यधिक लाभकारी विकल्प है, क्योंकि इसकी मांग न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी काफी अधिक है। आइए जानते हैं कि यह जड़ी बूटी किस प्रकार फायदेमंद है।


ब्राह्मी की खेती

हम आपको एक ऐसी जड़ी बूटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, सिरप और कैप्सूल बनाने में किया जाता है। यह दिमागी क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती है। ब्राह्मी की खेती से आप अच्छी कमाई कर सकते हैं।



यदि आप ब्राह्मी की खेती करना चाहते हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है। इसके लिए भुरभुरी और समतल मिट्टी की आवश्यकता होती है। पहले जमीन की जुताई करें और फिर उसमें गोबर की खाद डालें। इसके बाद, प्लाटों में बदलकर तुरंत सिंचाई करें। अच्छी पैदावार के लिए खरपतवार नियंत्रण जरूरी है। रोपाई के बाद, फसल कटाई के लिए लगभग 4 महीने लगते हैं।


कमाई की संभावनाएं

ब्राह्मी की खेती से आपको अच्छी कमाई देखने को मिलेगी, क्योंकि इसकी बाजार में काफी मांग है। इसका वैज्ञानिक नाम बेकोपा मोनिएरी है। एक एकड़ में ब्राह्मी की खेती से लगभग 40 क्विंटल सूखी पत्तियों की पैदावार हो सकती है। इन सूखी पत्तियों को सीधे बाजार में बेचा जा सकता है। आप इस खेती से 1 से 2 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।