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बैठने की आदतें: स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोग लंबे समय तक बैठे रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एक नए अध्ययन में यह बताया गया है कि 10.5 घंटे से अधिक बैठने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे कम बैठने से हार्ट अटैक का खतरा घटता है और लंबे समय तक बैठने के दुष्प्रभाव क्या हैं। साथ ही, हम कुछ सरल उपाय भी साझा करेंगे, जिनसे आप अपनी बैठने की आदतों को सुधार सकते हैं।
 

बैठने की आदतों के स्वास्थ्य पर प्रभाव

बैठने की आदतें और स्वास्थ्य जोखिम: आजकल ऑफिस में काम के चलते अधिकांश लोग 8 से 10 घंटे तक बैठे रहते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक बैठने से गर्दन और पीठ में दर्द होना आम है, लेकिन यह हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।


हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया है कि यदि कोई व्यक्ति दिन में 10.5 घंटे से अधिक समय तक बैठता है, तो उसे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लगातार बैठने का प्रभाव व्यायाम करने से भी समाप्त नहीं होता, इसलिए इस आदत से बचने का प्रयास करना चाहिए।


कम बैठने से हार्ट अटैक का खतरा घटता है


एमआईटी और हार्वर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बताया गया है कि जितना कम समय लोग बैठने या लेटने में बिताते हैं, उतना ही उनके दिल से जुड़े जोखिम कम होते हैं। अध्ययन में 89,530 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया और फिटनेस ट्रैकर का उपयोग करके एक सप्ताह तक उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई।


अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दिन में 9.4 से 10.6 घंटे तक बैठने का समय बिताया, उनमें उच्च रक्तचाप का स्तर देखा गया। यहां तक कि नियमित व्यायाम करने वालों में भी हार्ट फेलियर का जोखिम 40% तक बढ़ गया।


लंबे समय तक बैठने के दुष्प्रभाव


1. लंबे समय तक बैठने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, फैट और CO2 स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो जाती है।


2. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे दिल की सेहत पर खतरा बढ़ता है और कोलन, ब्रेस्ट और एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है। यह शरीर में रक्त प्रवाह को बाधित करता है और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का खतरा बढ़ाता है।


खतरे से बचने के उपाय


1. बैठने और व्यायाम के बीच संतुलन बनाएं।


2. काम करते समय नियमित ब्रेक लेने का प्रयास करें।


3. हर 30-60 मिनट में थोड़ी सैर करें।


4. स्टैंडिंग डेस्क या ट्रेडमिल डेस्क का उपयोग करें।


5. एक फिटनेस ट्रैकर पहनें, जो आपकी गतिविधियों पर नजर रखे और आपको याद दिलाए कि आप कितनी देर बैठे हैं।