बैंकों के नए डोमेन नाम: साइबर ठगी से सुरक्षा का नया उपाय
बैंकों के डोमेन नाम में बदलाव
बैंकों की वेबसाइट्स के डोमेन नाम बदल दिए गए हैं
जब आप अगली बार अपने बैंक की वेबसाइट पर जाने का सोचें, तो एक पल के लिए रुकें। यदि आप आदतन sbi.com या hdfcbank.com टाइप करने वाले हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। देश में ऑनलाइन बैंकिंग का स्वरूप पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक सहित अधिकांश बैंकों ने अपने वेबसाइट के डोमेन नाम में बदलाव किया है। यह कदम आपकी मेहनत की कमाई को साइबर ठगों से सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
.com और .in का अंत
बैंकों को अपनी पुरानी वेबसाइटों को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसका मुख्य कारण है फिशिंग के बढ़ते मामले। फिशिंग एक ऐसा धोखाधड़ी का तरीका है जिसमें अपराधी आपके बैंक जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं।
पहले, धोखेबाज आपके बैंक के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइटें बनाते थे, जैसे ‘mybank.com’, लेकिन उनके डोमेन नाम में थोड़ी भिन्नता होती थी, जैसे ‘mybank.co.in’ या ‘mybank-online.com’। ये वेबसाइटें देखने में असली जैसी होती थीं। अपराधी आपको SMS या ईमेल भेजते थे, जिसमें लिखा होता था कि ‘आपका अकाउंट ब्लॉक हो गया है’ या ‘आपने लॉटरी जीती है’। जब आप लिंक पर क्लिक करते थे, तो आप असली वेबसाइट के बजाय नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते थे और अपनी गोपनीय जानकारी साझा कर देते थे।
नया सुरक्षा उपाय
RBI ने इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘.bank.in’ डोमेन को लागू किया है। यह एक सामान्य डोमेन नहीं है जिसे कोई भी खरीद सकता है। ‘.com’, ‘.in’ या ‘.org’ जैसे डोमेन आसानी से रजिस्टर किए जा सकते हैं।
हालांकि, ‘.bank.in’ एक उच्च सुरक्षा वाला डोमेन है। इसे पाने के लिए बैंकों को कड़ी सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यह डोमेन केवल उन्हीं वित्तीय संस्थानों को दिया जाता है, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिली हो।
इसका मतलब है कि अब कोई भी धोखेबाज ‘.bank.in’ नाम से मिलती-जुलती नकली वेबसाइट नहीं बना सकेगा। यह डोमेन एक पहचान पत्र की तरह है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आप असली और सुरक्षित बैंकिंग पोर्टल पर हैं।