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बैंक कर्मियों का आंदोलन: पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग

बैंक कर्मियों ने पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर आयोजित इस आंदोलन में सैकड़ों बैंक कर्मचारी शामिल हुए। वक्ताओं ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अपने अधिकारों की निर्णायक लड़ाई है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट संदेश दिया कि निर्णय में देरी अब स्वीकार्य नहीं है। जानें इस आंदोलन के पीछे की वजहें और भविष्य की योजनाएं।
 

बैंक कर्मियों का प्रदर्शन तेज

विवेक झा, भोपाल, 30 दिसंबर 2025। बैंक कर्मियों द्वारा पांच दिवसीय बैंकिंग व्यवस्था की मांग को लेकर आंदोलन में तेजी आ गई है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के आह्वान पर मंगलवार को देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन आयोजित किए गए। भोपाल में, सैकड़ों बैंक कर्मचारी और अधिकारी शाम 5:30 बजे पंजाब नेशनल बैंक जोनल ऑफिस, अरेरा हिल्स के सामने एकत्र हुए और जोरदार नारेबाजी करते हुए सभा का आयोजन किया। इस सभा में विभिन्न बैंक यूनियनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए।


अपने अधिकारों की लड़ाई

सभा में बोलते हुए यूनियन के नेताओं ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि अपने अधिकारों की निर्णायक लड़ाई है। वक्ताओं ने बताया कि बैंक कर्मचारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्होंने नोटबंदी, कोरोना महामारी, और जनधन-आधार-डीबीटी जैसी योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


काम का दबाव और सुविधाओं की कमी

वक्ताओं ने यह भी सवाल उठाया कि जब अन्य सरकारी विभागों और निजी संस्थानों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू है, तो बैंक कर्मियों को इससे वंचित क्यों रखा जा रहा है? उन्होंने बताया कि बैंकों में स्टाफ की कमी और काम का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।


कर्मचारियों के स्वास्थ्य का मुद्दा

सभा में यह भी कहा गया कि पांच दिवसीय बैंकिंग कोई विलासिता नहीं, बल्कि कर्मचारियों के स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन और सेवा गुणवत्ता से जुड़ा मुद्दा है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि “थका हुआ कर्मचारी बेहतर सेवा नहीं दे सकता। यह बात सरकार और बैंक प्रबंधन को समझनी होगी।”


सरकार को स्पष्ट संदेश

प्रदर्शन के माध्यम से सरकार और बैंक प्रबंधन को यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि घोषित सहमति के बावजूद निर्णय में देरी अब स्वीकार्य नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि UFBU का इतिहास संघर्ष और उपलब्धियों से भरा रहा है और जब भी अधिकारों पर हमला हुआ, बैंक कर्मियों ने एकजुट होकर इसका सामना किया है।


राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी

सभा के अंत में बैंक कर्मियों से अपील की गई कि वे एकजुट रहें और आने वाले दिनों में राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के लिए तैयार रहें। सभी ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि “पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।”


उपस्थित बैंककर्मियों की संख्या

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बैंककर्मी और अधिकारी शामिल हुए, जिनमें वी के शर्मा, सुबिन सिन्हा, नजीर कुरैशी, निर्भय सिंह ठाकुर, और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।