बेन स्टोक्स ने चौथे टेस्ट में ड्रॉ की मांग का कारण बताया
चौथे टेस्ट का नाटकीय अंत
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैनचेस्टर में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के अंतिम क्षणों में ड्रॉ की मांग करने का कारण स्पष्ट किया। मैच के अंत में स्टोक्स और भारतीय बल्लेबाजों रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के बीच तीखी बहस हुई।
जब स्टोक्स ने ड्रॉ की मांग की, तब जडेजा और सुंदर दोनों अपने व्यक्तिगत मील के पत्थर के करीब थे और खेल जारी रखना चाहते थे। इंग्लैंड के कप्तान ने बाद में अपनी निराशा व्यक्त की कि वह अपने गेंदबाजों का ध्यान रख रहे थे और उनके कार्यभार को प्रबंधित करना चाहते थे, खासकर जब सभी को पता था कि मैच का कोई परिणाम नहीं होगा।
जडेजा और सुंदर ने मिलकर पांचवें विकेट के लिए 203 रनों की अटूट साझेदारी बनाई और दोनों ने अपने-अपने शतक बनाए। स्टोक्स ने भारतीय टीम की सराहना की और उनके समर्पण के लिए उनकी प्रशंसा की।
स्टोक्स ने कहा, "मुझे लगता है कि सारा श्रेय भारत को जाता है; उन्होंने अद्भुत खेला। मैं उस स्थिति में पहुंच गया था जहां केवल एक ही परिणाम था, और मैं अपने तेज गेंदबाजों को चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहता था।"
उन्होंने आगे कहा, "लियाम डॉसन ने इस मैच में बहुत सारे ओवर फेंके। उनका शरीर थकने लगा था और पैरों में ऐंठन होने लगी थी, इसलिए मैं अपने मुख्य गेंदबाजों को उस अंतिम आधे घंटे के लिए जोखिम में नहीं डालना चाहता था।"
स्टोक्स ने जडेजा और सुंदर की साझेदारी की सराहना करते हुए कहा, "आपको यह मानना पड़ेगा कि वाशिंगटन और जडेजा ने जिस तरह से दबाव में खेला, उसके लिए उन्हें बहुत सारा श्रेय देना चाहिए।"