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बेटे ने ऑनलाइन गेम के कर्ज से परेशान होकर मां की हत्या की

एक बेटे ने ऑनलाइन गेम एविएटर में पैसे हारने के बाद अपनी मां की हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब उसने घर से जेवर चुराते समय अपनी मां को पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने अपने अपराध को स्वीकार किया है। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के पीछे की पूरी कहानी और बेटे के कर्ज के दबाव के कारणों के बारे में।
 

मां की हत्या का मामला



एक बेटे ने प्रतिबंधित ऑनलाइन गेम एविएटर में पैसे हारने के बाद अपनी मां की हत्या कर दी। यह घटना तब हुई जब उसने घर से जेवर चुराते समय अपनी मां को पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी बेटे को तीन दिन बाद फतेहपुर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।


डेरी व्यवसायी रमेश यादव की पत्नी रेनू की हत्या तीन अक्टूबर को हुई थी। डीसीपी निपुण अग्रवाल के अनुसार, रेनू का बेटा निखिल (21) ऑनलाइन गेम में लगभग 10 लाख रुपये हार चुका था। पिछले एक साल में उसने कुल 50 लाख रुपये का लेन-देन किया था और इसके लिए उसने ऑनलाइन एप से कर्ज भी लिया था। जब निखिल ने जेवर चुराने की कोशिश की, तो रेनू ने उसे देख लिया। डर के मारे, निखिल ने पेचकस से अपनी मां पर हमला कर दिया और फिर गैस सिलेंडर से भी वार किया। इसके बाद वह जेवर और अपने पिता की बाइक लेकर भाग गया।


सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि निखिल चारबाग स्टेशन पहुंचा और वहां से त्रिवेणी एक्सप्रेस से भाग गया। पुलिस ने उसे फतेहपुर के सुल्तानपुर से गिरफ्तार किया। निखिल पहले भी घर से जेवर चुरा चुका था और गेम खेलने के लिए दोस्तों और एक महिला मित्र से पैसे उधार लिए थे।


निखिल ने बताया कि वह पिछले एक साल से ऑनलाइन गेम खेल रहा था और सट्टेबाजी में पैसे हारने के बाद उसने कई एप से कर्ज लिया था। ये एप उच्च ब्याज दर पर कर्ज देते हैं। निखिल ने कहा कि कर्ज देने वाले उसे फोन कर पैसे चुकाने का दबाव बना रहे थे, जिससे वह तनाव में था।


पूछताछ में निखिल ने बताया कि कर्ज देने वाले उसे मोबाइल डेटा के दुरुपयोग की धमकी दे रहे थे। इसी कारण वह अपनी मां को लेने काकोरी गया था। रेनू मायके में थीं और उन्हें लाने के बाद उसने जेवर चुराने की कोशिश की।


हत्या के बाद, निखिल ने अपने मामा और दोस्त को फोन कर झूठी कहानी सुनाई कि घर में लूटपाट हुई है और बदमाशों ने उसकी मां पर हमला किया। जब परिजन घर पहुंचे, तो रेनू लहूलुहान पड़ी थीं और निखिल गायब था।


जब पिता रमेश को बेटे की सच्चाई पता चली, तो उन्होंने चीखते हुए कहा कि अगर पैसे की जरूरत थी, तो वह मांग सकता था। उन्होंने पुलिस से निखिल को फांसी देने की मांग की और कहा कि अगर पुलिस उसे उनके हवाले कर दे, तो वह खुद निखिल को गोली मार देंगे।