बेंगलुरू कोर्ट ने अतुल सुभाष सुसाइड केस में निकिता सिंघानिया और उसके परिवार को दी जमानत
जमानत का फैसला
बेंगलुरू: AI इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा और भाई अनुराग को जमानत मिल गई है। बेंगलुरू के सिटी सिविल कोर्ट ने इन तीनों को जमानत प्रदान की।
सुभाष की पत्नी निकिता, उनकी मां और भाई ने जमानत के लिए बेंगलुरु की सत्र अदालत में आवेदन दिया था। पहले, उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि सत्र अदालत को उनकी जमानत याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए। हाई कोर्ट ने आज ही सत्र अदालत को याचिका का निपटारा करने का आदेश दिया था.
फैसले को चुनौती देने की योजना
ऊपरी अदालत में अपील की जाएगी
अतुल सुभाष के वकील ने बताया कि जैसे ही आदेश की कॉपी मिलेगी, वे इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। तीनों आरोपियों ने 19 दिसंबर को जमानत के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया था और साथ ही हाई कोर्ट का भी रुख किया था। हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच के निर्देश पर आज सिविल कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया। इस मामले में निकिता और अन्य आरोपियों ने FIR को रद्द करने की मांग को लेकर भी एक याचिका कर्नाटका हाई कोर्ट में दायर की है, जिस पर 6 जनवरी को सुनवाई होगी.
गिरफ्तारी का विवरण
14 दिसंबर 2024 को गिरफ्तारी
कर्नाटक पुलिस ने 14 दिसंबर 2024 को निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया, जबकि उनकी मां और भाई को प्रयागराज से अरेस्ट किया गया। इन तीनों पर अतुल सुभाष को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.
अतुल सुभाष का आत्महत्या मामला
9 दिसंबर को आत्महत्या
अतुल सुभाष (34) का शव 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उनके घर पर फंदे से लटका मिला था। सुभाष ने एक वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर और लगातार उत्पीड़न कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया। उन्होंने आत्महत्या से पहले 90 मिनट का एक वीडियो बनाया और 40 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी और उनके एक बेटे का जन्म 2020 में हुआ। अतुल सुभाष बिहार का निवासी था जबकि निकिता यूपी के जौनपुर जिले की रहने वाली हैं.