बेंगलुरु स्टेडियम में भगदड़: जांच रिपोर्ट में RCB और पुलिस की लापरवाही का खुलासा
एक ऐतिहासिक क्षण का दुखद अंत
4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और उसके प्रशंसकों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण को दुखद त्रासदी में बदल दिया। इस घटना में 11 लोगों की जान गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। एक न्यायिक जांच ने इस त्रासदी के लिए कई विफलताओं को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें RCB, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), बेंगलुरु पुलिस और आयोजक DNA एंटरटेनमेंट शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट में लापरवाही का खुलासा
एक मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन माइकल डी'कुन्हा ने किया। रिपोर्ट में सभी पक्षों पर 'गंभीर लापरवाही और कर्तव्य की अनदेखी' के उदाहरण पाए गए हैं। यह रिपोर्ट कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी गई है और इसमें कार्यक्रम के दौरान समन्वय, योजना और भीड़ प्रबंधन की कमी को उजागर किया गया है।
40,000 की क्षमता, लेकिन 2.5 लाख की भीड़
चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता 40,000 से कम है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, वहां 250,000 से अधिक लोग पहुंचे। खेल से पहले ही स्टेडियम में प्रशंसक भर गए थे, जो IPL चैंपियनशिप का जश्न मनाने के लिए उत्सुक थे। भीड़ प्रबंधन की कमी और सुरक्षा बैरियर्स की अनुपस्थिति ने एक खतरनाक स्थिति पैदा कर दी, जो 3:25 बजे एक अप्रत्याशित भीड़ के बढ़ने के साथ घातक साबित हुई।
सुरक्षा में कमी: लाखों के लिए सिर्फ 79 पुलिस
जांच में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह था कि केवल 79 पुलिसकर्मी ही कार्यक्रम स्थल पर तैनात थे, जबकि भीड़ के आकार के बारे में पूर्व चेतावनी दी गई थी। आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली भी लगभग अनुपस्थित थी। रिपोर्ट में यह भी पुष्टि की गई है कि घटना के समय कोई एंबुलेंस मौजूद नहीं थी।
कानूनी कार्रवाई और जिम्मेदारी
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट 17 जुलाई को कर्नाटक कैबिनेट में पेश की जाएगी, जहां जिम्मेदारी और आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। RCB, KSCA और DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ पहले ही FIR दर्ज की जा चुकी है। इस घटना के बाद पांच शीर्ष पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
भविष्य की चुनौतियाँ
जहां मृतकों के परिवार शोक में हैं, वहीं यह घटना भारतीय क्रिकेट उत्सवों पर एक गहरा धब्बा छोड़ गई है। रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि सफल आयोजनों के लिए केवल ग्लैमर और भीड़ नहीं, बल्कि तैयारी, सुरक्षा और जिम्मेदारी भी आवश्यक हैं। कर्नाटक सरकार से न्याय की प्रतीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।