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बिहार सरकार का अनुसूचित जाति और जनजाति के उत्थान के लिए नया कदम

बिहार सरकार ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन ने योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाना आवश्यक है। बैठक में सामुदायिक भवनों की स्थिति, छात्रावासों के नवनिर्माण और थारू समाज के लिए विशेष आवंटन पर भी चर्चा की गई। जानें इस बैठक में और क्या निर्णय लिए गए।
 

बिहार सरकार की समीक्षा बैठक

बिहार सरकार अनुसूचित जातियों और जनजातियों के विकास और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी संदर्भ में, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभागीय कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए। मंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को समय पर पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।


सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन

मंत्री ने बैठक में कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिनमें छात्रावास, आवासीय विद्यालय, छात्रवृत्ति, शिक्षा और रोजगार से संबंधित योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का लाभ अंतिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए विभाग को अधिक सक्रियता दिखानी होगी। उन्होंने कुछ जिलों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और कहा कि इन उदाहरणों को अन्य जिलों में भी लागू किया जाना चाहिए।


सामुदायिक भवनों की स्थिति

इस अवसर पर, एससी एसटी मंत्री ने सामुदायिक भवनों की भौतिक स्थिति की जांच करने और 15 दिनों के भीतर विभाग को सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, एसटी एससी बस्तियों में सामुदायिक भवनों और सामूहिक शौचालयों की आवश्यकता के अनुसार सूची तैयार करने के लिए भी कहा गया। बैठक में उपस्थित विभाग की निदेशक प्रियंका रानी ने जिलों से आए उप निदेशकों और जिला कल्याण अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए।


छात्रावासों का नवनिर्माण

प्रियंका रानी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर छात्रावासों के नवनिर्माण और जीर्णोद्धार पर विशेष ध्यान दिया जाए। ये छात्रावास अनुसूचित जाति के छात्रों को सुरक्षित आवास और शिक्षा की सुविधा प्रदान करते हैं, जो उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, जीविका समूहों द्वारा संचालित स्कूलों और प्राक्-परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।


थारू समाज के लिए विशेष आवंटन

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं जैसे पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और आवासीय विद्यालयों के संचालन को और प्रभावी बनाया जाए। हाल ही में थारू समाज के उत्थान के लिए 30 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किया गया है, जो विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस बैठक में निदेशक प्रियंका रानी (आईएएस), बिहार महादलित विकास मिशन के मिशन निदेशक गौतम पासवान (आईएएस), विशेष कार्य पदाधिकारी दीवान जाफर हुसैन ख़ाँ (बि.प्र.से.) और विभिन्न जिलों से आए अन्य अधिकारी उपस्थित थे।