बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार, महागठबंधन की घोषणा संभव
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा कर सकता है। अंदरूनी जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इस गठबंधन में "वरिष्ठ सहयोगी" की भूमिका निभा सकता है, जबकि कांग्रेस केवल 55 से 57 सीटों पर समझौता करने के लिए तैयार है और पटना जिले की सभी सीटें छोड़ने का निर्णय ले चुकी है.
सीट बंटवारे का प्रस्ताव
प्रस्तावित सीट बंटवारे के अनुसार, राजद को 125 सीटें, कांग्रेस को 55 से 57 सीटें, वाम दलों को 35 सीटें, मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को 20 सीटें, पशुपति पारस को तीन सीटें और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को दो सीटें आवंटित की गई हैं। हालांकि, कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के वितरण को लेकर मतभेद बने हुए हैं। दोनों दलों के नेता यह दावा कर रहे हैं कि सब कुछ तय हो चुका है, लेकिन मुख्य विवाद कांग्रेस को आवंटित सीटों की संख्या को लेकर है।
कांग्रेस की पारंपरिक सीटें
बिहार चुनाव में कांग्रेस कुछ पारंपरिक सीटें छोड़ने के लिए तैयार दिख रही है। उदाहरण के लिए, पटना जिले में, पार्टी ने पिछले चुनाव में चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार वह किसी पर भी दावा नहीं कर रही है। इसके अलावा, कांग्रेस के पास पहले से मौजूद कई सीटें अब राजद के खाते में जा सकती हैं, जिनमें सीतामढ़ी की सुरसंड, दरभंगा की जाले और चैनपुर, और वैशाली की राजा पाकर शामिल हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदें
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) भी बिहार में चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है, जिसका मुख्य ध्यान झारखंड की सीमा से लगे क्षेत्रों पर होगा। सूत्रों का कहना है कि सीट बंटवारे में पार्टी को दो सीटें मिल सकती हैं, हालांकि उसकी मांग अधिक बताई जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 8 अक्टूबर को, कांग्रेस राज्य चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की अपनी पहली वर्चुअल बैठक आयोजित करेगी।