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बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की ऐतिहासिक जीत और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से शानदार जीत हासिल की है और वह 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। 20 नवंबर को गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। एनडीए ने 2025 के चुनावों में 243 में से 202 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी दलों को केवल 35 सीटें मिलीं। इस लेख में जानें पूरी जानकारी।
 

नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं

बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधायक दल की बैठक में फिर से नेता के रूप में चुना गया है। यह स्पष्ट है कि वह 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। गांधी मैदान में 20 तारीख को वह इस पद की शपथ लेंगे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी शपथ लेंगे। इसके अतिरिक्त, गठबंधन में शामिल अन्य दलों के मंत्रियों का भी शपथ ग्रहण होगा। यह समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा तथा एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।


जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार का चयन

बुधवार को पटना में जनता दल (यूनाइटेड) की विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। बैठक के बाद, जदयू सांसद संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने उन्हें बधाई दी। भारतीय जनता पार्टी के नेता सम्राट चौधरी को बिहार में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जबकि विजय सिन्हा उपनेता बने। इसके बाद, नीतीश कुमार को बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नेता चुना जाएगा, जिसके बाद 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा।


एनडीए की ऐतिहासिक जीत

एनडीए ने 2025 के बिहार चुनावों में अभूतपूर्व जीत हासिल की, जिसमें 243 में से 202 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को केवल 35 सीटें मिलीं। इस गठबंधन ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया, जो दूसरी बार है जब एनडीए ने राज्य चुनावों में 200 सीटों का आंकड़ा पार किया। 2010 में, इसने 206 सीटें जीती थीं। एनडीए में, भाजपा ने 89 सीटें, जदयू ने 85, एलजेपीआरवी ने 19, एचएएमएस ने पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीटें जीतीं।


विपक्षी दलों की स्थिति

विपक्षी दलों में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 25 सीटें, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने छह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) ने दो, भारतीय समावेशी पार्टी ने एक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने एक सीट जीती।